प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्मंत्री थे तब 2007 में मशहूर एंकर और लेखक करन थापर ने उनका इंटरव्यू लिया था। करन थापर के दावे के मुताबिक मुसलमानों के कत्ल से जुड़ा सवाल पूछे जाने पर नरेंद्र मोदी ने बीच में ही इंटरव्यू छोड़ दिया था। बीबीसी न्यूज हिंदी ने उस इंटरव्यू के बारे में करन थापर से बात की। बीबीसी न्यूज हिंदी ने करन थापर के इंटरव्यू का करीब दो मिनट का हिस्सा और पूरे इंटरव्यू का एक लिंक अपने फेसबुक पेज के जरिये शेयर किया है। वीडियो में करन थापर बीबीसी के संवादाता रेहान फजल को बताते हैं, ”असल में उन्होंने कूल तो कभी छोड़ा ही नहीं क्योंकि वो कभी नाराज नहीं हुए लेकिन उनका संयम बड़ी जल्दी जवाब दे गया था.. तीन मिनट का इंटरव्यू था.. जिसके बाद वह बीच में छोड़कर चले गए थे। अगर मुझे ठीक से याद है तो मेरा पहला सवाल था कि आप गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर दूसरे चुनाव से छह हफ्ते दूर खड़े हैं, इंडिया टुडे और राजीव गांधी फाउंडेशन ने आपको सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री बताया है और दूसरी तरफ हजारों मुसलमान आपको हत्यारे की तरह देखते हैं, क्या आपके सामने इमेज की समस्या है?
मोदी जी ने कहा कि कम ही लोग है जो यह सोचते हैं। मैंने कहा कि ऐसा मानने वाले कम नहीं हैं। मोदी ने कहा कि ऐसा सिर्फ कहा गया है, लिखा नहीं गया है। मैंने कहा कि अगर चीफ जस्टिस ऐसा कह रहे हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता? मैंने इस बात की तरफ भी उनका ध्यान खींचा कि कुल 4500 मामलों में से करीब 2600 गुजरात के बाहर भेज दिए गए, सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की और भी कई टिप्पणियां की हैं। ये सभी बातें इस ओर इशारा करती है कि ऐसे कम लोग नहीं है, बल्कि कई हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा कहते हैं, वो खुश रहें और अगर ये आपकी सोच है तो आपको मुबारक, मुझे अब पानी चाहिए।
मैंने कहा पानी तो आपकी बगल में रखा है, पी लीजिए.. तब मुझे एहसास हुआ कि पानी तो बहाना है और वह इंटरव्यू खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने माइक बाहर निकाल दिया और इंटरव्यू खत्म हो गया। इसके बाद हमारी करीब एक घंटे तक बातचीत हुई और मैं इंटरव्यू दोबारा शुरू करने के लिए उन्हें मनाता रहा। उनकी मेहमान नवाजी काफी अच्छी थी, वह मुझे चाय, मिठाई और ढोकले की पेशकश करते रहे लेकिन इंटरव्यू के लिए राजी नहीं हुए और मैं एक घंटे बाद वहां से चला गया था।”