प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से सभी वाकिफ है। कह सकते हैं कि नरेंद्र मोदी भारतीय इतिहास के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। ना सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में पीएम मोदी की लोकप्रियता का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। न्यूयॉर्क के मैडिसन स्कवायर गार्डन और लंदन में बेम्बले स्टेडियम में हुई पीएम मोदी की रैलियों ने जिस तादाद में लोगों की भीड़ उमड़ी थी, उस पर पूरी दुनिया के मीडिया में चर्चा हुई थी। हैरानी की बात है कि कनाडा में स्थिति इसके ठीक उलट है और कनाडा के 75 प्रतिशत लोग पीएम मोदी को जानते तक नहीं हैं। मजे की बात है कि कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं, फिर भी वहां पीएम मोदी के नाम से लोग अंजान हैं।
बता दें कि कनाडा में एंगुस रीड इंस्टीट्यूट (एआरआई) द्वारा किए गए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। गौरतलब है कि पीएम मोदी मशहूर टाइम पत्रिका द्वारा साल 2016 में टाइम पर्सन ऑफ द ईयर चुने जा चुके हैं। यह सर्वे कनाडा में होने वाली जी-7 की बैठक से पहले हुआ है। जी-7 की बैठक में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और यूएस शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि कनाडा के लोग सिर्फ पीएम मोदी के नाम से ही अंजान नहीं हैं, बल्कि अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों का भी यही हाल है। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश जापान के पीएम शिंजो अबे भी कनाडा के 64 प्रतिशत लोगों द्वारा नहीं पहचाने गए।
सर्वे करने वाले इंस्टीट्यूट के निदेशक सची कर्ल का मानना है कि पीएम मोदी चूंकि इंग्लिश में अपने भाषण देने के लिए नहीं जाते हैं, शायद इसलिए कनाडा में उन्हें लोग इतना नहीं जानते हैं। कनाडा के खुद के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रडेयु भी 45 प्रतिशत लोगों द्वारा ही पसंद किए गए, जबकि 31 प्रतिशत उन्हें एक कमजोर नेता मानते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की छवि कनाडा में भी घमंडी और झूठे व्यक्ति की ही है। कनाडा के 74 प्रतिशत कनाडा के लोग ट्रंप को घमंडी, 62 प्रतिशत झूठा, 61 प्रतिशत भड़काऊ मानते हैं। हालांकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, ट्रंप के मुकाबले कनाडा में काफी लोकप्रिय थे।

