Jal Jeevan Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15, अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन शुरू किया था। इसके तहत लक्ष्य रखा गया था कि 16 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया जाएगा। इसे ‘हर घर जल’ कार्यक्रम का नाम दिया गया था लेकिन पांच सालों में इसका केवल 75 प्रतिशत लक्ष्य ही हासिल किया जा सका है। अब बचे हुए 4 करोड़ नल कनेक्शन 31 दिसंबर, 2028 तक देने का प्रस्ताव है।

The Indian Express को मिली जानकारी के मुताबिक, जल शक्ति मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 2.79 लाख करोड़ रुपए का फंड मांगा था लेकिन Expenditure Finance Committee (EFC) की 13 मार्च को हुई बैठक में इसके लिए सिर्फ 1.51 लाख करोड़ के फंड की सिफारिश की गई।

इस तरह EFC की ओर से केंद्र के द्वारा मांगे गए फंड में 46% कटौती का प्रस्ताव रखा गया है। केंद्रीय फंडिंग में कटौती के बाद पैसे की कमी को पूरा करने की जिम्मेदारी राज्यों पर पड़ सकती है। इस रकम के चार वर्षों में 1.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है।

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50 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा

इसके अलावा कमेटी ने मिशन के कुल बजट में भी 41 हजार करोड़ की कटौती करते हुए इसे 9.10 लाख करोड़ से घटाकर 8.69 लाख करोड़ कर दिया। सूत्रों के अनुसार, जल शक्ति मंत्रालय ने EFC की बैठक में 8.07 लाख करोड़ रुपये की इस योजना (जिसमें 7.68 लाख करोड़ रुपये के कार्य अनुबंधित और 38,940 करोड़ रुपये के कार्य अनुबंध के चरण में हैं) की पैरवी की और इसे सही ठहराया।

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय फंड में कटौती की वजह से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी शासित तीन राज्यों पर 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।

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2019 में ‘हर घर जल’ कार्यक्रम शुरू होने पर EFC ने मिशन का बजट 7.89 लाख करोड़ रुपये की मांग के मुकाबले 3.6 लाख करोड़ रुपये तय किया था। हालांकि, मिशन डैशबोर्ड के अनुसार, 2019-2024 के दौरान राज्यों ने 8.07 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी है।

लागत में हुई बढ़ोतरी के कारण EFC ने बजट और केंद्रीय हिस्सेदारी को कम कर दिया। महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु और असम में 32,364 करोड़ रुपये के कामों को अभी मंजूरी नहीं मिली है। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि केंद्र का 17,348 करोड़ रुपये का हिस्सा इन राज्यों को खुद ही देना पड़ सकता है। ‘हर घर जल’ योजना में केंद्र और राज्य 50:50 के अनुपात में फंड शेयर करते हैं।

जल जीवन मिशन के तहत 19.36 करोड़ नल कनेक्शन लगाने के लिए केंद्र का हिस्सा (2019 के निर्देशों के अनुसार प्रति कनेक्शन 47,000 रुपये की लागत पर) 3.59 लाख करोड़ रुपये है। 2019-24 के दौरान केंद्र ने 2.08 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया इसलिए ईएफसी ने अब शेष 1.51 लाख करोड़ रुपये की सिफारिश की है।

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