सरकार ने आज देश के शीर्ष रक्षा अनुसंधान संगठन के प्रमुख अविनाश चंद्र को उनका अनुबंध खत्म होने से 15 माह पहले ही हटा दिया।

एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने अविनाश चंद्र के अनुबंध को खत्म करने का निर्णय किया और यह निर्णय 31 जनवरी से प्रभावी होगा।

दिलचस्प है कि रक्षा अनुसंधान और विकास सचिव सह डीआरडीओ महानिदेशक व रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार 64 साल की आयु पूरा होने पर पिछले साल 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए थे। उन्हें 31 मई 2016 तक के लिए 18 माह का अनुबंध दिया गया था। चंद्र को अनुबंध देने के बाद उन्हें हटाए जाने से सरकार के कदम पर सवाल उठ रहे हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में उठाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि डीआरडीओ के निश्चिंतता वाले रवैए को सहन नहीं किया जा सकता। चंद्र से संपर्क करने के प्रयास विफल रहे क्योंकि वे अपने फोन को नहीं उठा रहे हैं।

दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इंलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद चंद्र ने 1972 में रक्षा विकास और अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) में सेवा शुरू की थी। चंद्र अग्नि बैलेस्टिक मिसाइल प्रणाली शृंखला के मुख्य आधार रहे हैं।