भाकपा ने भाजपा नीत राजग सरकार पर अल्पसंख्यकों को ‘‘आतंकित’’ कर देश को धार्मिक आधार पर बांटने का प्रयास करने और ‘‘सांस्कृतिक आतंकवाद’’ फैलाने के आरोप लगाए। इसने कहा कि पार्टी कभी भी इसे न तो स्वीकार करेगी और न ही बर्दाश्त करेगी।

पार्टी महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने भाकपा की पांच दिवसीय 22वें राष्ट्रीय कांग्रेस के समापन अवसर पर कहा, ‘‘भाजपा नीत राजग सरकार अल्पसंख्यकों को आतंकित कर देश को धार्मिक आधार पर बांटने का प्रयास कर रही है। सरकार ने इतिहासकारों एवं कलाकारों के खिलाफ भी सांस्कृतिक आतंकवाद छेड़ दिया है। भाकपा इसे न तो बर्दाश्त करेगी और न ही स्वीकार करेगी।’’

रेड्डी ने कहा कि मोदी नीत सरकार लोगों से गलत वादे कर सत्ता में आई थी। इसने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन में कटौती कर दी। सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसी योजनाओं के बजट में खास तौर पर कटौती की।

उन्होंने कहा कि भाकपा 14 मई को पूरे देश में भूमि अधिग्रहण (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ आंदोलन करने की योजना बना रही है क्योंकि सरकार की तरफ से सुझाए गए उपायों से किसानों के अस्तित्व को खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘कॉरपोरेट घराने नियम तय कर रहे हैं और केंद्र सरकार से किसानों का दमन करने के लिए कहा जा रहा है।’’

भाकपा के उपमहासचिव गुरदास दासगुप्ता ने कहा कि यह शर्मनाक है कि सरकार ‘‘सांप्रदायिक ताकतों’’ का प्रतिनिधित्व कर रही है और कॉरपोरेट घराने केंद्र में सत्ता में आ गए हैं। कामगार, किसान और गरीबों को ‘‘जनविरोधी’’ नीतियों से हाशिए पर ला दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाए कि सरकार देश के भीतर एवं विदेशों में कॉरपोरेट के एजेंट के रूप में काम कर रही है।