नरेंद्र मोदी सरकार दुश्मन देशों के अंदर घुसकर हमला करने में सक्षम विशेष ‘सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स’ तैयार करने की योजना बना रही है। इसमें सशस्त्र बल के तीनों अंगों (सेना, वायुसेना और नौसेना) के जवान होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स दुश्मन देश में घुसकर बेहद कम समय में ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने में सक्षम होगा। हमले को अंजाम देने के बाद विशेष यूनिट में शामिल जवान जितना जल्दी हो सके युद्ध मैदान को छोड़कर वापस लौट आएंगे। इस अधिकारी ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स सितंबर 2016 की तर्ज पर अचानक से धावा बोलेगा। दो साल पहले हुए सर्जिकल स्ट्राइक में स्पेशल फोर्स के जांबाजों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के 7 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। वरिष्ठ अधिकारी ने ‘NDTV’ को बताया कि सरकार अपेक्षाकृत ज्यादा क्षमता वाली सैन्य यूनिट की जरूरत महसूस कर रही थी, जिसमें सेना के तीनों अंगों के बेहतरीन कमांडो शामिल हों।
सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स में होंगे इन कमांडो यूनिट के जवान: सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स तैयार करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। इस यूनिट में गरुड़ (वायुसेना), मार्कोस (नौसेना) और पारस (सेना) के चुनिंदा कमांडो शामिल होंगे। सितंबर 2016 में सेना के पारस यूनिट के कमांडो ने ही सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। बताया जाता है कि सर्जिकल स्ट्राइक यूनिट में शामिल जवानों को अमेरिका की नेवी सील की तर्ज पर प्रशिक्षित किया जाएगा। इस यूनिट के जवान पठार, पर्वत, जंगल और समंदर में दुश्मनों के दांत खट्ठे करने में सक्षम होंगे।
सेनाध्यक्ष के अधीन होगी नई यूनिट: सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स की कमान सेना के पास होगी। नई यूनिट सेनाध्यक्ष के अंतर्गत काम करेगी। यूनिट को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। प्लानिंग और एसॉल्ट। प्लानिंग के तहत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए टारगेट को तबाह करने की योजना बनाई जाएगी, जबकि एसॉल्ट डिपार्टमेंट में शामिल जवान योजनाओं को मूर्त रूप देगा। एसॉल्ट ग्रुप को दो हिस्सों में विभाजित किया जाएगा। पहला अटैक और दूसरा सपोर्ट। प्लानिंग ग्रुप के लिए 96 और एसॉल्ट ग्रुप के लिए 124 सदस्यों का चयन किया जा चुका है।
NSA अजीत डोवाल की सोच का नतीजा: राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स गठित करने का आइडिया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवाल का है। इस अधिकारी की मानें तो हवा से लेकर समंदर तक हर दिन सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं। ऐसे में भविष्य में इन परिस्थितियों से निपटने के लिए विशेष यूनिट तैयार करने की योजना बनाई गई। इस बाबत कैबिनेट कमेटी को एक नोट भी भेजा जा चुका है। सर्जिकल स्ट्राइक यूनिट के लिए अलग से बजट का भी प्रावधान किया जाएगा।