गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कानूनों के उल्लंघन पर प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (Centre for Policy Research) का एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस निलंबित कर दिया है। पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग के सर्वेक्षण अभियान (Income Tax Survey) के बाद सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया जांच के घेरे में था।

अधिकारियों ने बताया कि सीपीआर का सीपीआर का विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) का लाइसेंस कानूनों के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिया गया है।

ऑक्सफैम (Oxfam India) का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल जनवरी में निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद गैर सरकारी संगठन ने गृह मंत्रालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी। एफसीआरए के तहत दिए गए लाइसेंस के निलंबन के साथ, सीपीआर विदेश से कोई धन प्राप्त नहीं कर पाएगा।

अधिकारियों ने कहा कि सीपीआर के दाताओं में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill & Melinda Gates Foundation), पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट और ड्यूक विश्वविद्यालय शामिल हैं। सीपीआर एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) से भी अनुदान प्राप्त होता है। सीपीआर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक मान्यता प्राप्त संस्था है।

अधिकारियों ने कहा कि थिंक टैंक को एफसीआरए कोष के बारे में स्पष्टीकरण और दस्तावेज देने के लिए कहा गया है। सीपीआर का एफसीआरए लाइसेंस अंतिम बार 2016 में नवीनीकृत किया गया था और 2021 में नवीनीकरण कराया जाना था। सीपीआर की वेबसाइट पर कहा गया है कि सीपीआर एक गैर-लाभकारी, गैर-पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र संस्थान है जो अनुसंधान करने के लिए समर्पित है। यह उच्च गुणवत्ता वाली छात्रवृत्ति, बेहतर नीतियों और भारत में जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में अधिक मजबूत सार्वजनिक विमर्श में योगदान देता है।