केन्द्र सरकार अपनी महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के तहत, गरीबी रेखा से ऊपर के करीब 45 करोड़ लोगों को भी सस्ता स्वास्थ्य बीमा का तोहफा देने की योजना बना रही है। बता दें कि 45 करोड़ की यह आबादी किसी भी सरकारी या प्राइवेट इंश्योरेंस स्कीम के तहत कवर नहीं हैं और आर्थिक स्थिति के मामले में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानि कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने वाले लोगों से थोड़े ही बेहतर हैं।

हालांकि यह योजना स्व-भुगतान के आधार पर होगी और इसके लिए लाभार्थियों को कुछ भुगतान करना होगा। लेकिन इसमें फायदा ये होगा कि इसमें इंश्योरेंस प्रीमियम मौजूदा रिटेल इंश्योरेंस प्रीमियम का एक तिहाई ही देना होगा। एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना का मकसद औसत इंश्योरेंस प्रीमियम को कम करना और गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को, जो कि मार्केट प्राइस पर हेल्थ इंश्योरेंस लेने में सक्षम नहीं है, उन्हें किफायती हेल्थ इंश्योरेंस मुहैया कराना है।

टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में करीब 12.5 करोड़ लोग प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस के अन्तर्गत कवर हैं। वहीं 7-8 करोड़ लोग नियोक्ता द्वारा दी जाने वाले स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर हैं। बाकी बचे हुए लोग रिटेल मार्केट से पॉलिसी खरीदते हैं।

सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत अपने सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को एकीकृत करने का फैसला किया है। इस योजना को देशभर में लागू करने वाली संस्था नेशनल हेल्थ अथॉरिटी की गवर्निंग काउंसिल ने भी देशभर में इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है। फिलहाल इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा, ताकि इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाने होंगे, इसे समझा जा सके।

बता दें कि 3-5 लाख की एक पॉलिसी का एक युवा परिवार के लिए वार्षिक प्रीमियम करीब 10-15 हजार रुपए होता है। यदि परिवार में बुजुर्ग लोग भी शामिल हैं तो यह प्रीमियम और ज्यादा बढ़ जाता है। सरकार की प्रस्तावित स्कीम में यह प्रीमियम 4-5 हजार रुपए तक कम होगा। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने कहा है कि इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को होगा, जो अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम से दूर हैं। इनके अलावा स्वरोजगार करने वाले, एमएसएमई सेक्टर में काम करने वाले लोग और मध्यम वर्गीय किसान भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।