केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसका सर्वाधिक असर यूपी और बिहार में देखने को मिल रहा है। बता दें कि जहां गुरुवार को बिहार के कई हिस्सों में रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों में आग लगाई गई, वहीं शुक्रवार को भी प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा करने की खबरें सामने आई।

बता दें कि अग्निपथ योजना का विरोध सड़क से सोशल मीडिया तक देखा जा रहा है। इसको लेकर ट्विटर पर #ModiMustResign हैशटैग के साथ ट्रेंड चलाया गया। जिसको लेकर तमाम लोगों ने अपनी बात रखी। आयुष सोनी(@AyushSoni197) नाम के एक यूजर ने लिखा, “हमारी सेना न तबाह करें मिस्टर चौकीदार।”

इस हैशटैग के साथ एक अन्य यूजर ने लिखा, “अगर आप पेंशन रद्द करना चाहते हैं, तो उन मंत्रियों के लिए करें जिन्हें 2-3 लाख रुपये वेतन मिलता है’।” हालांकि इस हंगामें के बीच कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने हिंसक प्रदर्शन का विरोध किया है। एक यूजर ने लिखा, “यह ठीक नहीं है। आप किसी भी प्रकार की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकते, नए रक्षा नियम के लिए देशभर में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं।”

वहीं गर्वजीत सिंह ने लिखा, “अग्नि पथ के साथ पुरानी भर्ती बहाल रखनी चाहिए। जिसे देश सेवा करनी हो वह अग्निपथ में जाए और जिसे अपने भविष्य को लेकर चिंता हो वह पुरानी भर्ती में अपना भाग्य आजमा सके।”

बता दें कि शुक्रवार को बिहार में बिहिया टिकट काउंटर में आग लगा दी गई। विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पत्रकारों के साथ बदसलूकी की और उनका मोबाइल छीनकर क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान एक पत्रकार की पिटाई होने की भी खबर है। वहीं बिहार के ही हाजीपुर जंक्शन पर भी अग्निपथ योजना का जमकर विरोध हुआ।

हाजीपुर जंक्शन पर हंगामे की सूचना पाकर डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे। हंगामे के बीच स्टेशन पर मौजूद रेल यात्रियों को प्लेटफार्म परिसर से बाहर निकाला गया। ट्रेनों के परिचालन को भी रोक दिया गया है। वहीं बिहार में ही उपद्रवियों ने जम्मूतवी गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगा दी। बता दें कि प्रदर्शनकारी सेना की बहाली में अग्निपथ योजना को हटाने की मांग कर रहे हैं।

किसान नेता राकेश टिकैत क्या बोले: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं, खासकर किसान के बच्चों के लिए लाभकारी नहीं है। टिकैत ने कहा कि इस योजना का विरोध पूरे देशभर में किया जाएगा। इसके खिलाफ राष्ट्रवापी आंदोलन भी होगा। टिकैत ने कहा कि सेना में अभी तक युवाओं को 15 साल की नौकरी और पेंशन मिल रही थी। लेकिन नई योजना के तहत जब चार साल की नौकरी के बाद युवा बिना पेंशन घर जायेगा तों उसका आगे भविष्य क्या होगा।