PM Narendra Modi Cabinet Ministers List 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने गुरुवार शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में पद और गोपनीयता की शपथ ली। मोदी सरकार में 58 मंत्रियों ने शपथ ली। इन 58 मंत्रियों में 56वें नंबर पर प्रताप चंद्र सारंगी ने शपथ ली। जब सारंगी ने शपथ ली तो उनका जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत हुआ और शायद सबसे ज्यादा तालियां उन्हीं के लिए बजीं। कई लोगों ने तो खड़े होकर उनका अभिवादन किया। बता दें कि प्रताप सारंगी ओडिशा के बालासोर से सांसद चुने गए हैं और सादा जीवन जीने और सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी के लिए जाने जाते हैं। प्रताप सारंगी ने जब मंत्री पद की शपथ ली तो उसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। बता दें कि यह दूसरी बार है, जब सारंगी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हैं। इससे पहले सारंगी उस वक्त भी सोशल मीडिया पर चर्चा में आए थे, जब वह दिल्ली आने के लिए अपना बैग पैक कर रहे थे। उनकी सादगी की सभी लोगों ने तारीफ की थी।

सारंगी अपने सादे जीवन और समाज की भलाई के लिए किए जाने वाले ऐसे शख्स के रुप में जाने जाते हैं, जो बिना लाग-लपेट के अपनी बात कहते हैं। एक स्थानीय टेलीविजन इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अविवाहित हैं या फिर ब्रह्मचारी? इसके जवाब में सारंगी ने बड़ी ही साफगोई से कहा कि वह अविवाहित हैं, लेकिन ब्रह्मचारी नहीं हैं। प्रताप चंद्र सारंगी की सादगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति की जो घोषणा की है, उसके मुताबिक उनके पास 1.5 लाख रुपए की चल संपत्ति और 15 लाख रुपए की अचल संपत्ति ही है। सारंगी ने अपनी आय का स्त्रोत पेंशन, खेती-बाड़ी को बताया था। सारंगी के खिलाफ 7 आपराधिक मामले भी चल रहे हैं। वहीं सारंगी ने जिनके खिलाफ चुनाव लड़ा था, वह धन-बल के मामले में ओडिशा के सबसे अमीर प्रत्याशियों में शुमार थे। बालासोर में सारंगी का सामना कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक के बेटे नवज्योति पटनायक, जिनके पास 104 करोड़ रुपए की संपत्ति है, और बीजद के कद्दावर नेता रबिंद्र जेना के साथ था। जेना के पास भी 72 करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसके बावजूद सारंगी चुनाव जीते।

सारंगी जब 28 साल के थे, तब वह बेलूर मठ में स्थित रामकृष्ण मठ और मिशन के साथ जुड़कर साधू बनना चाहते थे। वहां सारंगी की मुलाकात स्वामी अत्मास्थानंद से हुई, जिन्होंने सारंगी से पूछा कि क्या कोई उन पर आश्रित है? इस पर सारंगी ने बताया कि उनकी एक बूढ़ी मां हैं, जो उन पर निर्भर हैं। इस पर स्वामी अत्मास्थानंद ने उन्हें मां की देखभाल करने को कहा था। इसके बाद सारंगी घर लौट आए और अविवाहित रहे और अपनी अपनी मां की सेवा की। बीते साल सारंगी की मां का निधन हो गया।

सारंगी के राजनैतिक जीवन की बात करें तो ओडिशा के तटीय इलाकों में सारंगी एक जाना पहचाना चेहरा हैं। हालिया चुनावों में उन्होंने साइकिल पर अपना चुनाव प्रचार किया। सारंगी ने स्थानीय स्तर पर कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। जिनमें शराब के खिलाफ आंदोलन, शिक्षा को लेकर जागरुकता आदि प्रमुख हैं। सारंगी ने ओडिशा के आदिवासी गांवों में स्कूल भी खोले हैं। ये स्कूल गण शिक्षा मंदिर योजना के तहत बालासोर और मयूरभंज जिलों में खोले गए हैं।

बालासोर लोकसभा सीट पर अहम चुनावी मुद्दा खेती और चिटफंड घोटाला रहे। गौरतलब है कि बीजद उम्मीदवार जेना चिटफंड मामले में सीबीआई पूछताछ का सामना कर चुके हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी नवज्योति पटनायक पर आरोप लगे कि उन्होंने चुनावों से पहले लोकसभा क्षेत्र में काफी कम समय बिताया था। वहीं सारंगी बालासोर में ही रहे हैं और विभिन्न मुद्दों पर लोगों के साथ जुड़कर कई कल्याणकारी मुहिम चला चुके हैं। सारंगी ओडिशा बजरंग दल के अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद से भी जुड़े रहे हैं। सारंगी सांसद चुने जाने से पहले ओडिशा विधानसभा के लिए भी 2 बार चुने गए हैं। साल 2004 में वह भाजपा के टिकट पर और साल 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा के लिए चुने गए।