Hardeep singh puri: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि विकसित देशों में हो रही बढ़ोतरी की तुलना में भारत में ईंधन की कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित किया गया है। 9 सितंबर, शुक्रवार को एक इवेंट में केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि जुलाई 2021 से अगस्त 2022 तक ईंधन की कीमतों में लगभग 40 फीसदी की भारी वृद्धि देखी गई है लेकिन इस दौरान भारत में 2.12 प्रतिशत की कमी आई है।
ईंधन की कीमतों पर कंट्रोल को लेकर हरदीप सिंह पुरी के दावे पर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा, “पुरी जी, क्या आप 2019 से 2022 तक की तुलना कर सकते हैं? और क्या आप 2014 से पहले और अब की कीमतों से भी तुलना कर सकते हैं?” वहीं अनुज तिवारी ने भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए लिखा, “ये लोग जाल बोलने में कांग्रेसियों से भी आगे बढ़ गए।” वहीं हरदीप पुरी के बयान पर संजय मिश्रा ने लिखा कि कृपा करके भारत के साथ विकसित देशों के लोगों की आय की तुलना करें।
मोदी सरकार में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इवेंट में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले दो सालों में सऊदी सीपी मूल्य (हमारे आयात बेंचमार्क) में करीब 303 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस अवधि के दौरान, भारत में रसोई गैस की कीमत में उस आंकड़े के दसवें हिस्से से भी कम की वृद्धि (28 फीसदी) हुई।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि जुलाई 21 से अगस्त 22 के दौरान सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक केंद्रों की गैस की कीमतों में भारी वृद्धि देखने को मिली है। यूएसए के हेनरी हब में 140 प्रतिशत की बढ़ोतरी, ब्रिटेन एनबीपी में 281 फीसदी, जेकेएम मार्कर में 257 फीसदी और भारत में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में सिर्फ 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पुरी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भले हो रही हों लेकिन भारतीय तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की खुदरा दामों में अधिक कटौती नहीं करने वाली है। क्योंकि कंपनियों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए उन्हें अभी और समय चाहिए।
बता दें कि पत्रकारों ने पुरी से सवाल किया था कि पिछले एक सप्ताह में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई है, तो क्या ऐसे में ईंधन की खुदरा कीमत में कमी आ सकती है? इसपर उन्होंने कहा कि कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई के लिए और वक्त चाहिए।