सिक्किम के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वे फूल की तरह नाजुक नहीं बनना चाहते हैं। गंगटोक में कृषि मंत्रियों की कांफ्रेंस के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मुझे फूल जैसा नाजुक मत बनने दो। मैं कांटों के बीच रहा हूं, मैं कांटों के बीच रहूंगा। लेकिन यदि अपने जीवन में मैं किसी दुखी व्यक्ति के के आंसू पोंछ सकूं तो इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं होगा।’
उन्होंने सिक्किम में विकसित ऑर्किड की तीन नई प्रजातियों के नामकरण के दौरान यह बयान दिया। इन प्रजातियों के नाम सिमबिडीयम सरदार(सरदार पटेल के नाम पर), सिमबिडीयम दीन दयाल(दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर) और सिमबिडीयम नमो(पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम पर) रखे गए। पीएम मोदी ने बताया कि सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने उनसे दो प्रजातियों के नाम रखने की गुजारिश की थी। जबकि एक प्रजाति का नाम वे खुद रखना चाहते थे।
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पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मैंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में एक का नाम सरदार और दीन दयाल उपाध्याय की 100वीं जयंती पर दूसरी प्रजाति का नाम दीन दयाल रखा। लेकिन सीएम ने एक प्रजाति का नाम नमो रखा। मैं इस सम्मान के लिए सिक्किम सरकार का आभारी हूं।’ पूर्व की सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा,’ 20वीं सदी में एक प्रधानमंत्री यहां पर रात गुजारने के लिए आए थे और 21वीं सदी में मैं एक रात रूकने के लिए यहां आया हूं।
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