रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन मंगलम बिरला और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी का नाम उन 19 उद्योगपतियों की लिस्ट में शामिल है, जो वाइब्रैंट गुजरात ग्लोबल सब्मिट 2019 समारोह में शामिल होंगे। इस समारोह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जनवरी को करेंगे। गुजरात सरकार द्वारा मंगलवार (15 जनवरी) यह लिस्ट जारी की गई। हालांकि, इस लिस्ट में रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी का नाम शामिल नहीं है। बता दें कि राफेल को लेकर कांग्रेस और मोदी सरकार के बीच हुए विवाद में अनिल अंबानी बहस के केंद्र में थे।

गौरतलब है कि अनिल अंबानी इस द्विवार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में नियमित रूप से शामिल रहे हैं। हालांकि, एयरबस ग्रुप इंडिया और लॉकहेड मार्टिन एयरोनॉटिक्स जैसी विमान निर्माता कंपनियों के “डिफेंस और एयरोस्पेस में अवसर” पर एक विशेष बैठक को लेकर इस सम्मेलन में शामिल होने की संभावना है। वहीं, राफेल विमान बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन का नाम सरकार द्वारा जारी लिस्ट से गायब है।

18 जनवरी को डिफेंस और एयरोस्पेश सेक्टर को लेकर होने वाली बैठक को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण संबोधित करेंगी। गुजरात वाइब्रैंट सब्मिट में शामिल होने वाले अन्य संभावित उद्योगपतियों में टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, गोदरेज ग्रुप के चेयरमैन आदि गोदरेज, भारत फोर्ज के चेयरमैन बाबा कल्याणी, भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार व अन्य का नाम शामिल है।

वहीं, दूसरी ओर नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को सरकार देश में ही यात्री विमानों के विनिर्माण का खाका तैयार करने पर काम कर रही है। साथ ही देश के भीतर की इसके वित्तपोषण की व्यवस्था करने पर विचार कर रही है।  प्रभु ने वैश्विक विमानन शिखर सम्मेलन 2019 में मीडिया से बात करते हुये कहा कि सरकार चाहती है कि विमानों के रखरखाव, मरम्मत और आमूल-चूल परिवर्तन (एमआरओ) का काम भारत में ही किया जाए।

उन्होंने चेताया कि यदि यह काम देश से बाहर होगा तो सरकार को पैसों का नुकसान होगा और रोजगार पर भी इसका असर पड़ेगा। नागर विमानन मंत्रालय, भारतीय हवाईपत्तन प्राधिकरण और उद्योग मंडल फिक्की मिलकर इस शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं।

प्रभु ने कहा, “हम भारत में विमानों के विनिर्माण के लिये जल्द खाका पेश करेंगे।” उन्होंने कहा कि देश की हवाई यात्रा की मांग को पूरा करने के लिये 2,300 नए विमानों की जरूरत है। हम इसके लिये दुनिया भर की शीर्ष विमानन कंपनियों के साथ हाथ मिला सकते हैं। विमानन मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि विमानों के वित्तपोषण का काम घरेलू कंपनियों द्वारा किया जाये। (एजेंसी इनपुट के साथ)