नागांलैंड के लोकायुक्त जस्टिस उमा नाथ सिंह ने गुरुवार को सिपाहियों की भर्ती में धांधली के आरोप में डिप्टी चीफ मिनिस्टर वाई पैटन के खिलाफ प्रारंभिक जांच के लिए मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को निर्देश जारी किए। यह निर्देश विक्का एस आये की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए दिए गए हैं। सीएम से जांच रिपोर्ट हलफनामे के तौर पर, मामले की अगली सुनवाई से पहले जमा कराने के लिए कहा गया है।
आये ने अपनी शिकायत में कहा है कि पैटन ने 1100 सिपाहियों की भर्ती में नियमों का खुले तौर पर उल्लंघन किया है। शिकायत को संज्ञान में लेते हुए मेघालय हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस सिंह ने जांच के आदेश जारी कर दिए। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि एनपीएससी की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू राउंड में नियमों को ताक पर रखा गया।
नागालैंड लोकायुक्त ने समन्वयक अधिकार, निरीक्षक (नागालैंड लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान) को प्रारंभिक जांच के लिए एक मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पैटन ने प्रशासन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया है। वह पुलिस विभाग के सामान्य प्रशासनिक कामकाज में भी हस्तक्षेप करते हैं। पुलिस विभाग में 1,135 नियुक्तियों में सीधे तौर पर पैटन की संलिप्तता है।
लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता को प्राप्त सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए नागालैंड पुलिस को निर्देश जारी किए हैं। दीमापुर पुलिस कमिश्नर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिए कहा गया है। शिकायतकर्ता ने अपील की है कि लोकायुक्त इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दे।
बता दें कि पैटन 2013-2018 तक नागालैंड के गृह मंत्री के पद पर रह चुके हैं। वह 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले नागा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) से जुड़े थे लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी ने चुनाव में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा।