जम्मू कश्मीर में रह रहे म्यांमार के एक शरणार्थी कपल पर अपने बेटे के पांव में जंजीर बांधकर मदरसा ले जाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। कपल पर आरोप है कि उन्होंने अपने 11 साल के बेटे के पांव में जंजीर इसलिए बांध दी, ताकि वह मदरसे से भाग ना जाए। घटना जम्मू शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित भटिंडी इलाके की है। पुलिस के मुताबिक, लड़के के माता-पिता समेत मदरसे के मौलवी अब्दुल गफूर ने भी बताया कि बच्चा मदरसे से भाग जाता था, इसलिए शनिवार को बच्चे की मां उसके पांव में जंजीर से बांधकर लाई थी।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब चेन से बंधे इस लड़की की तस्वीर एक स्थानीय निवासी ने व्हाट्सऐप पर डाल दी। बच्चे को स्थानीय पुलिस स्टेशन लाया गया और उसके पांव की जंजीर को खोला गया। नरवाल-जम्मू के सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर चंदन कोहली ने बताया कि बच्चे के माता-पिता को चेतावनी दी गई है और पुलिस एक्ट के सेक्शन 36 के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। बच्चे के माता-पिता ने बताया कि वह चार साल पहले बांग्लादेश से भारत आए थे। जम्मू में वह तीन साल से हैं और नरवाल इलाके में रह रहे हैं।
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मदरसे के मौलवी अब्दुल गफूर ने इसे अमानवीय हरकत बताते हुए कहा कि “लड़का पहले दो बार मदरसे से भाग गया था। इसलिए शनिवार को बच्चे की मां अपने साथ एक जंजीर लाई थी। उसने अपने बेटे के पैरों में जंजीर बांध दी और उसकी चाबी हमें दे दी।” गफूर के मुताबिक उनके मदरसे में म्यांमार के 160 शरणार्थी बच्चे रहते है। इसके लिए उन्हें स्थानीय मुस्लिमों और मस्जिदों से पैसा मिलता है।
लड़के के पिता ने बताया कि उन्होंने कासिम नगर के एक सरकारी स्कूल में अपने बच्चे को भर्ती कराया था लेकिन वह क्लास में नहीं जाता था। इसके बाद 6 महीने पहले ही उसे मदरसे में भर्ती कराया गया था ताकि उस पर पढ़ाई का दबाव डाला जा सके। मदरसा में जंजीरों में बंधे एक नाबालिग लड़के की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, जंजीरों में बंधे लड़के की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला हमारे संज्ञान में आया है।