CJI DY Chandrachud on Importance of Ayurveda: अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने आयुर्वेद को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि संस्कृत शब्द अयुर (जीवन) और वेद (ज्ञान) से आयुर्वेद का निर्माण हुआ है। यह चिकित्सा की एक पारंपरिक प्रणाली है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह और उनका परिवार काफी सालों से आयुर्वेद का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह आयुर्वेद के प्रबल समर्थक रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अपने से जुड़ा हुआ एक किस्सा भी सुनाया। इसमें उन्होंने कहा कि आयुष के साथ में मेरा जुड़ाव कोराना काल के दौरान शुरू हुआ था। जब मैं दूसरी और तीसरी बार कोरोना से संक्रमित हुआ था तो मैंने किसी भी एलोपैथिक दवा का इस्तेमाल नहीं किया।
सीजेआई ने शेयर किया अनुभव
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि करीब दो साल उनकी बेटी की तबीयत बिगड़ने पर पीजीआई चंडीगढ़ में एडमिट करना पड़ा था। काफी लंबे टाइम तक एलोपैथी की दवाओं का कोई भी असर नजर नहीं आया था। इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय संस्थान की निदेशक डॉ तनुजा नेसारी से बातचीत की। इतना ही नहीं फिर बेटी के आहार में भी बदलाव किया गया था। सीजेआई ने कहा कि आहार में जब बदलाव किया तो 24 घंटे के अंदर ही काफी असर दिखाई दिया।
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सीजेआई ने किया एनएसएसओ की रिपोर्ट का जिक्र
मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की कुछ दिन पहले आई रिपोर्ट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 95 फीसदी ग्रामीण और 96 फीसदी शहरी भारतीय अब हमारी पारंपरिक चिकित्सा एक करोड़ लोग कर रहे योग प्रणालियों से अच्छी तरह से परिचित हैं। यह बढ़ती हुई जागरूकता आयुष प्रणालियों की मांग को दिखाती है। यह भारत के स्वास्थ्य परिवेश में आयुर्वेंद की बढ़ती भूमिका को दिखाती है। सीजेआई ने आगे कहा कि इसकी एक तस्वीर यह है कि शहरी और गांव के इलाकों में एक करोड़ से ज्यादा घरों में योग किया जाता है।
सभी जजों पर काम का काफी दबाव
सीजेआई ने फरवरी के महीने में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में हमारे 2000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। सभी जजों पर भारी रोजाना के काम का काफी प्रेशर होता है। फाइलों को पढ़ रहे हैं और मुझे लगा कि यह जरूरी है कि हम गौर करें। इतना ही नहीं सीजेआई ने यह भी कहा था कि कर्मचारियों के जरिये हम आयुर्वेद की परंपरा के फायदे के बारे में देश के बाकी हिस्सों में प्रचार कर सकते हैं।