पुणे के शनिवार वाड़ा में कुछ मुस्लिम महिलाओं द्वारा नमाज अदा करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सांसद मेधा कुलकर्णी ने हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार वाड़ा में मार्च किया। इतना ही नहीं उन्होंने उस जगह का शुद्धिकरण किया जहां मुस्लिम महिलाएं नमाज पढ़ रही थीं। दिलचस्प बात यह है कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसकी कड़ी निंदा की है और इसे स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश बताया।

कुलकर्णी ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और गौमूत्र से उस जगह की सफाई करके और शिव वंदना करके शुद्धिकरण किया। मार्च का नेतृत्व करने से पहले कुलकर्णी ने ट्वीट किया था, “हम शनिवारवाड़ा में नमाज नहीं पढ़ने देंगे, हिंदू समुदाय अब जाग गया है, चलो शनिवारवाड़ा।”

रविवार शाम को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कुलकर्णी ने कहा, “हमने शिव वंदना की और उस जगह का शुद्धिकरण किया जहां नमाज अदा की गई थी, घटना का विरोध करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि पुणे का सामाजिक सद्भाव खराब न हो, सकल हिंदू समाज ने एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया और इस मामले में पुलिस कार्रवाई की मांग की।”

शनिवार वाड़ा एक एएसआई संरक्षित ऐतिहासिक स्मारक- कुलकर्णी

कुलकर्णी ने कहा, “शनिवारवाड़ा एक एएसआई संरक्षित ऐतिहासिक स्मारक है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिंदवी स्वराज का प्रतीक है। हम यहां किसी को भी नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दे सकते। यह कोई मस्जिद नहीं है।” शनिवारवाड़ा के बाहर एक अवैध धार्मिक संरचना के बारे में बताते हुए कुलकर्णी ने कहा कि अगर कोई इस तरीके से नमाज अदा करना चाहता है, तो हिंदुओं को मस्जिदों या ताजमहल में आरती करने की भी इजाजत दी जानी चाहिए।

कांग्रेस पार्टी ने बोला हमला

अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी सहित राजनीतिक दलों ने कुलकर्णी की कड़ी निंदा की और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, “कुछ मुस्लिम महिलाओं ने शनिवारवाड़ा में नमाज पढ़ी, जिसके बाद कुछ बीजेपी सदस्य वहां गए और उस जगह को गोमूत्र से शुद्ध कर दिया। इन लोगों को याद रखना चाहिए कि मस्तानी भी शनिवारवाड़ा में रुकी थीं। कुलकर्णी को शायद यह पता नहीं है कि पेशवे सरदारों ने शनिवारवाड़ा के ऊपर लगे हिंदवी स्वराज के झंडे को हटाकर यूनियन जैक फहरा दिया था।”

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सावंत ने कहा कि बीजेपी सांसद शनिवारवाड़ा के बाहर दरगाह के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रही हैं। सावंत ने पूछा, “जब पेशवाओं को कोई समस्या नहीं थी, तो उन्हें क्या समस्या है। दरगाह को छूकर उन तक पहुंचने वाली हवा का वह क्या करेंगी। क्या वह अपनी नाक भी शुद्ध करेंगी?” पुणे कांग्रेस ने कहा कि वे जल्द ही राज्यसभा सांसद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी करेंगे। कांग्रेस के पुणे अध्यक्ष अरविंद शिंदे ने कहा, “नगरीय निकाय चुनावों से पहले, यह हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है। बीजेपी चुनावों से पहले जानबूझकर ऐसे मुद्दे उठाती है। बीजेपी चाहती है कि लोग ऐसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया दें और हिंदू मतदाताओं को एकजुट करें।”

शिंदे ने कहा कि दरगाह की मौजूदगी का सवाल है, तो यह सदियों से शनिवारवाड़ा के सामने मौजूद है। उन्होंने कहा, “यह पेशवे काल से अस्तित्व में है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसकी अनुमति दी है।”

एनसीपी और आप ने की आलोचना

कुलकर्णी की आलोचना करते हुए एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष रूपाली थोम्बरे ने कहा, “कुलकर्णी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने हिंदू और मुसलमानों के बीच दरार पैदा की है और वह भी दिवाली के समय, जिससे पुणे में सामाजिक माहौल बिगड़ रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने से तुरंत रोका जाए।” आप प्रवक्ता मुकुंद किरदत ने कहा, “यह स्थानीय निकाय चुनावों से ठीक पहले हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण की एक स्पष्ट कोशिश है। समुदायों के बीच कटुता पैदा करने की यह कार्रवाई, खासकर दिवाली जैसे त्योहार के दौरान, निंदनीय है।”