उत्तराखंड राज्य में हर बार सरकार बदलने की रीत रही है लेकिन बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीत कर इस प्रथा को समाप्त कर दिया। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर से सत्ता में आने पर राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की बात कही थी। विधानसभा चुनाव के बाद पुष्कर सिंह धामी दोबारा राज्य के सीएम बने। बीजेपी ने उनपर चुनाव हारने के बाद भी विश्वास जताया।

अब बात करते हैं पुरोला की, जहां इस समय स्थित तनावपूर्ण है। देहरादून से करीब 140 किमी दूर उत्तरकाशी के पुरोला से समुदाय विशेष के लोग पलायन कर चुके हैं। यहां दक्षिणपंथी संगठनों के साथ-साथ लोकल व्यापार मंडल के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इन लोगों की मांग है कि राज्य में आने वाले हर आउटसाइडर का वेरिफिकेशन किया जाए।

दक्षिणपंथी लोगों की यह मांग अब एक समुदाय विशेष के लोगों के खिलाफ होती नजर आ रही है। प्रदर्शनकारी इस समुदाय पर गलत गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगा रहे हैं। पुरोला के बाद ऐसे ही प्रदर्शन जिले के बड़कोट और चिन्यालीसौड़ शहर और नौगांव, डमटा, बरनीगढ़, नेतवार और भटवारी गांव में हुए हैं। पुरोला में हालिया प्रदर्शनों के बाद शहर छोड़ने वालों में बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ता जाहिद मलिक भी हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मानते हैं कि पिछले दो-तीन महीनों में बढ़े हैं लेकिन साथ में यह भी कहते हैं कि लव और लैंड जिहाद के मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में राज्य के सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। इस मीटिंग में उन्होंने अधिकारियों से लव जिहाद के मामलों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए थे।

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जहां भी ऐसे मामले हुए हैं, लोग जागरुक हो रहे हैं और खुद सामने आ रहे हैं। लोग इस तरह के अपराध के खिलाफ और साजिश के तहत लव जिहाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सामने आ रहे हैं। जिन परिवारों में ऐसी घटनाएं हुई हैं वे विरोध दर्ज कराने के लिए सामने आ रहे हैं।

उन्होंने ने इस “जागरूकता” के लिए पिछले साल दिसंबर में पेश किए गए राज्य के सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून को श्रेय दिया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम वेरिफिकेशन ड्राइव चलाएंगे… यह जांचने के लिए है कि उत्तराखंड आने वाले लोग कौन हैं, कहां से आते हैं और उनका इतिहास क्या है। उसके बाद ही उत्तराखंड में लोगों को रहने दिया जाएगा… लोगों ने भले ही पहाड़ों को सॉफ्ट टारगेट माना हो, लेकिन अब ऐसा नहीं है। सभी को जांच और कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

पुरोला में जिला प्रशासन ने रिवेन्यू और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाई हैं। ये टीम इलाके के बाहर के लोगों का वेरिफिकेशन करेंगी। दूसरी तरफ विपक्ष इस मसले पर सरकार और वीएचपी जैसी संस्थाओं की निंदा कर रहा है। इस मसले पर सत्ताधारी बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस केवल “तुष्टिकरण” कर रही है और उसे स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसे मामलों पर उसका स्टैंड क्या है।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर “लव जिहाद और राज्य की जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश करने वालों के खिलाफ लोगों और सरकार की लड़ाई को कमजोर करने” का आरोप लगाया। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी 2024 ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने कहा कि वो बीजेपी सरकार को याद दिलाना चाहते हैं कि सरकार कानून और संविधान से चलती है और उसे हर नागरिक से सामान बर्ताव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी के अपराध के लिए पूरे समुदाय को दुकानें बंद करने के लिए मजबूर करना गलत है। लोगों को सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है।