Indian Succession Act Vs Shariat Law: सुप्रीम कोर्ट ने इस समय वक्फ कानून पर सुनवाई चल रही है। इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। इस बीच सर्वोच्च अदालत में दो ऐसी याचिकाएं और आई हैं जिनका व्यापक असर मुस्लिम समाज पर पड़ सकता है। असल में सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर हुई हैं, मांग की गई है कि उनकी विरासत वाली संपत्ति का फैसला शरीयत कानून के जरिए ना हो बल्कि उत्तराधिकार कानून से किया जाए। दोनों याचिकाओं सिर्फ फर्क इतना है कि एक याचिकाकर्ता मुस्लिम धर्म में मानता है तो दूसरा अब नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं कौन-कौन सी?
अब जानकारी के लिए बता दें कि एक याचिका तो नौशाद केके द्वारा दायर की गई है। उनका कहना है कि उनकी संपत्ति का फैसला उत्तराधिकार कानून से ही होना चाहिए, उन्हें शरीयत कानून से अपनी संपत्ति का कोई भी फैसला मंजूर नहीं होगा। वहीं जो दूसरा केस है, सुप्रीम कोर्ट में उसे Sufiya PM vs Union of India कहकर संबोधित किया जा रहा है। सुफिया ने साफ शब्दों में कहा है कि उन्होंने अपने धर्म में अब दिलचस्पी खो दी है, ऐसे में उनकी संपत्ति से जुड़ा जो भी मामला होगा, उसका फैसला सिर्फ उत्तराधिकार कानून से ही होना चाहिए।
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मुस्लिम समाज पर पड़ेगा बड़ा असर
सुफिया वाले मामले में तो केंद्र ने भी पिछले साल अक्तूबर में सर्वोच्च अदालत को बताया था कि यह फैसला संसद को करना है कि उत्तराधिकार कानून के दायरे को मुस्लिमों तक लेकर जाना है या नहीं। अब यहां पर समझने वाली बात यह है कि उत्तराधिकार कानून का सेक्शन 58 मुस्लिमों को इस कानून से अभी के लिए बाहर रखता है। लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट इन दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, उसके व्यापक परिणाम हो सकते हैं। अगर याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला आया, तब भी बदलाव होंगे, अगर खिलाफ में फैसला गया तो उस स्थिति में असर देखने को मिलेगा।
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2016 में भी दायर हुई है याचिका
वैसे इन दो याचिकाओं के अलावा एक तीसरी याचिका भी है जो 2016 में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। उस याचिका को कुरान सुन्नत सोसाइटी की ओर से दायर किया गया था। ऐसे में तीनों ही याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट को अपना रुख स्पष्ट करना है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन तीनों याचिकाओं पर एक-एक कर सुनवाई होगी या फिर सभी को एक साथ सुनने के लिए लिस्ट किया जाएगा। वैसे वक्फ को लेकर भी अहम सुनवाई होने वाली है, उसका सरल शब्दों में एक्सप्लेनर यहां पढ़ें