भारत मंडपम में जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों और उनकी पत्नियों के सम्मान में दिए जाने वाले रात्रिभोज के कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से आए 78 कलाकार सौ से अधिक संगीत वाद्य यंत्रों के जरिए समृद्ध भारतीय संगीत की प्रस्तुति देंगे। संगीत नाटक अकादमी के मुताबिक, जी-20 सम्मेलन के अंत में आयोजित किया जाने वाला यह एकमात्र सांस्कृतिक आयोजन होगा, जिसकी थीम भारत-वाद्य-दर्शनम् (गान्धर्व-आतोद्यम्) यानी भारत की संगीत यात्रा रखी गई है।

यह पहला ऐसा मौका होगा जब इतने बड़े पैमाने पर लगभग हर राज्य के कलाकार एकता के सूत्र में बंधकर विदेशी मेहमानों के सामने अपनी संगीत की कला का प्रदर्शन करेंगे। यह कार्यक्रम कुल डेढ़ घंटे का होगा। इसकी शुरुआत शनिवार शाम छह बजे से होगी और इसका समापन रात्रि नौ बजे होगा। इस संगीतमय प्रस्तुति की संकल्पना संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डा संध्या पुरेचा ने तैयार की है।

कार्यक्रम के संगीत निदेशक संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित संगीत निदेशक चेतन जोशी होंगे। अकादमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित आर श्रीधर और प्रोफेसर संतोष कुमार कार्यक्रम में सहायक की भूमिका में रहेंगे। कलाकार की प्रस्तुति मौखिक नहीं होगी। कलाकार केवल संगीत वाद्य यंत्रों से ही प्रस्तुति देंगे।

मिले सुर मेरा तुम्हारा, राग भैरवी से होगा समापन

कलाकारों को चार जोन में विभाजित कर राजधानी में एकत्रित किया गया है। इसमें उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण शामिल हैं। समारोह में बजाए जाने वाले संगीत वाद्य यंत्रों में 34 हिंदुस्तानी, 18 कर्नाटक और 40 लोकसंगीत से जुड़े यंत्र शामिल हैं। कार्यक्रम का समापन मिले सुर मेरा तुम्हारा और राग भैरवी के साथ होगा।

चार सौ के करीब विदेशी मेहमानों के इस सांस्कृतिक आयोजन में जुटने की उम्मीद है। उन्हें भारतीय संगीत के जिन अनोखे वाद्ययंत्रों पर संगीतमय प्रस्तुति देखने को मिलेगी। उसमें सरस्वती वीणा, रुद्र वीणा, विचित्र वीणा, जलतरंग, नलतरंग, सुंदरी, रबाब, एशराज, दिलरुबा, धांगली, भापंग, सुरबहार. सुरसिंगार और तार शहनाइ मुख्य हैं। 78 कलाकारों के समूह में 11 बच्चे, 13 महिलाएं. 7 दिव्यांगजन, 26 युवा और 21 वरिष्ठ कलाकार शामिल हैं। यह सभी पिछले महीने 31 अगस्त से दिल्ली में इस कार्यक्रम का सुबह 9 से रात 10 बजे तक रियाज कर रहे हैं।

आमजन के लिए होगा कार्यक्रम

जी-20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा जल्द आयोजित किए जाने वाले राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में यह सभी कलाकार आम लोगों के लिए भी ऐसी ही एक संगीतमयी प्रस्तुति देंगे। विदेशी मेहमानों के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करने आए इन कलाकारों को 10 हजार रुपए दैनिक भत्ते के रूप दिए जा रहे हैं। इसके अलावा दो हजार रुपए प्रतिदिन रियाज के लिए भी दिए जा रहे हैं। संगीत नाटक अकादमी की तरफ से समारोह में प्रयोग किए जाने वाले इनकी वेशभूषा, परिधान और राजधानी में रहने और खाने-पीने की समूची व्यवस्था की गई है।