बीएमसी के महत्वकांक्षी परियोजना मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पर तेज गति से काम शुरू कर दिया गया है। इसी कोस्टल रोड प्रोजेक्ट की एक अहम कड़ी 10.58 किलोमीटर लंबा MCRP लिंक है जो मरीन ड्राइव से बांद्रा वर्ली सी लिंक को कनेक्ट करता है। इस हाई स्पीड कोस्टल रोड के तैयार होने के बाद गिरवांग से वर्ली जाने में जो पहले 45 मिनट लगते थे, उसे 10 मिनट तक कर दिया जाएगा। बड़ी बात ये है कि जो सुरंग बनाई जा रही है, उसमें 17 से 20 मीटर तो समुद्र तल के नीचे है। अभी तक इस प्रोजेक्ट का 93 फीसद काम पूरा हो चुका है।
अंडर वाटर टनल की क्या खासियत?
बताया जा रहा है कि सुरंग के अंदर 6 मार्ग बनाए जाएंगे, वहां भी चार तो पैदल चलने वालों के लिए रहेंगे, वहीं दो मोटर चालकों के लिए रखे जाएंगे। इसके अलावा एक तीसरी लेन भी रहेगी जिसका इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जाएगा। वैसे इस प्रोजेक्ट के साथ एक खास बात और जुड़ रही है. इस परियोजना में जिस टनल बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, वो अब तक की सबसे बड़ी है। टनल बोरिंग मशीन का वजन 1,700 टन से अधिक बताया जा रहा है और ये 12 मीटर लंबा भी है।
किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
अब कहने को ये प्रोजेक्ट नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन इसमें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। इन चुनौतियों में चीन के साथ चल रहा तनाव भी एक अहम कड़ी रहा। इस बारे में साउथ कोरिया से आए सीनियर टनल इंजीनियर नमकाक चो ने कहा कि लॉकडाउन और सीमा विवाद की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।
असल में पहले चीन से कुछ इंजीनियर्स को आना था, जिस टीबीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका प्रशिक्षण वो इंजीनियर ही देने वाले थे, लेकिन पहले कोरोना और फिर दोनों देशों के बीचे हुए सीमा विवाद ने उस प्रक्रिया को रोक दिया था।
Pratip Acharya और Sweety Adimulam की रिपोर्ट