Drug Trafficking in India: मुंबई पुलिस ने ड्रग तस्करी के बहुत बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया और इस मामले में पुलिस के द्वारा की गई जांच महाराष्ट्र के सांगली से शुरू होकर गुजरात के सूरत और फिर विदेश में यूएई और आखिर में तुर्किये तक पहुंच गई। पुलिस कैसे ड्रग तस्करी का इतना बड़ा रैकेट चलाने वालों तक पहुंची, यह बेहद दिलचस्प है।

ड्रग तस्करी के रैकेट का सरगना मुंबई के कॉटन ग्रीन इलाके का रहने वाला सलीम इस्माइल डोला है। डोला पिछले कुछ सालों में नारकोटिक्स की दुनिया के मोस्ट वांटेड नाम में से एक है और कहा जाता है कि उसके दक्षिण अफ्रीका और मैक्सिको के ड्रग कार्टेल से भी संबंध हैं।

दाऊद इब्राहिम के गिरोह से है संबंध

1998 में डोला को मुंबई हवाई अड्डे पर 40 किलो मैंड्रेक्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को इस बात का शक है कि डोला का संबंध दाऊद इब्राहिम के गिरोह से है।

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2018 में सलीम डोला का नाम मुंबई हवाई अड्डे के पास 1000 करोड़ रुपये की कीमत के फेंटेनाइल ड्रग मामले की जब्ती में सामने आया। राजस्व खुफिया निदेशालय ने भी उसे 5.5 करोड़ रुपये की गुटखे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके बारे में कहा जाता है कि उसे NDPS एक्ट की क्या कमियां हैं, इस बारे में काफी जानकारी है।

बेटे ताहिर को नहीं सौंपा काम

2018 में डोला देश छोड़कर यूएई चला गया। हाल ही में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने डोला के बारे में जानकारी देने के लिए 1 लाख का इनाम घोषित किया था। एक अफसर के मुताबिक, डोला खुद नशा नहीं करता, वह शराब पीता है लेकिन उसका बेटा ताहिर नशा करता है। डोला ने अपने बेटे को अपना काम नहीं सौंपा बल्कि सलीम शेख उर्फ लविश पर भरोसा किया।

डोला तक कैसे पहुंची मुंबई पुलिस?

इस पूरे मामले में फरवरी, 2024 में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से 4 किलो मेफेड्रोन (ड्रग) के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस को पता चला कि यह ड्रग सांगली जिले के इरली गांव की एक फैक्ट्री से लाई जा रही है। मुख्यमंत्री देवेद्र फड़नवीस ने बताया है कि महाराष्ट्र में पिछले 5 साल में 5,158 किलो मेफेड्रोन जब्त हो चुकी है और इसकी बाजार में कीमत करीब 9,522 करोड़ रुपये है।

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डोला का भतीजा मुस्तफा कुब्बावाला भी पकड़ा गया

पुलिस ने इस फैक्ट्री पर छापेमारी की और 122 किलो मेफेड्रोन के साथ-साथ कुछ और माल बरामद किया।। पुलिस ने 6 और लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें डोला का भतीजा मुस्तफा कुब्बावाला भी था। मुस्तफा यूएई और सूरत के बीच आता-जाता रहता था और वहां से वह कैमिकल की सप्लाई करता था। पुलिस को जांच में पता चला कि मुस्तफा डोला के बेटे ताहिर के साथ मिलकर यूएई से यह धंधा चला रहा था।

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ताहिर और मुस्तफा को किया गया गिरफ्तार

अब मुंबई पुलिस के सामने चुनौती ताहिर और मुस्तफा को गिरफ्तार करने की थी। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सीबीआई के जरिये यूएई के अफसरों को उनकी चार्जशीट भेजी। इसके बाद ताहिर को और मुस्तफा को गिरफ्तार कर भारत लाया गया। मुस्तफा ने पूछताछ में बताया कि उसे ब्रोमाइड नाम का कैमिकल सूरत के बृजेश मोराबिया से मिलता था। बृजेश मोरबिया एक फर्जी दवा कंपनी चलाता था। बाद में पुलिस में मोराबिया को भी गिरफ्तार कर लिया।

(मनीष कुमार पाठक के इनपुट के साथ)