भारत सरकार और एक पाकिस्तानी के बीच अब एक नए मसले को लेकर कानूनी खींचतान शुरू हो सकती है। विवाद का विषय है 500 करोड़ रुपए मूल्य का विप्रो लिमिटेड का शेयर। ये शेयर जिस शख्स ने खरीदा था, वह बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चला गया था। ये शेयर अब भारत सरकार के कब्जे में है। लेकिन पाकिस्तान के अमजद मेहर बख्श ने गृह मंत्रालय को खत लिख कर ये शेयर वापस मांगे हैं। बख्श को 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों में आरोपी भी बनाया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया था।
ये शेयर मूल रूप से अब्दुल कोचिनवाला ने खरीदे थे। उन्होंने बाद में पाकिस्तानी नागरिकता ले ली थी। उनकी चल-अचल संपत्ति शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत कस्टोडियन ऑफ एनमी प्रॉपर्टी (भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत चलने वाला एक विभाग) के अधिकार में चली गई। कोचिनवाला का परिवार अब यूरोप में है। बख्श उन शेयरों के तीसरे मुतव्वली (संपत्ति के प्रबंधक) हैं। उनके पास इन शेयरों की जेनरल पावर ऑफ अटॉर्नी है। इस नाते उन्होंने भारतीय गृह मंत्रालय को अर्जी देकर शेयर सौंपे जाने की मांग की है। मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि अभी मांग पर कोई विचार नहीं हुआ है।