मुंबई में 2006 में हुए ट्रेन धमाकों के मामले में अभियोजन पक्ष ने 12 दोषियों में से आठ के लिए मौत की सजा तथा शेष चार को उम्रकैद की सजा दिए जाने की मांग की।

विशेष मकोका अदालत ने सजा को लेकर अपना फैसला 30 सितंबर के लिए सुरक्षित रख लिया। मामले के सभी दोषियों को ‘मौत का सौदागर’ करार देते हुए विशेष सरकारी अभियोजक राजा ठाकरे ने आठ दोषियों को मौत की सजा दिए जाने पर जोर दिया।

उन्होंने अदालत से कहा, ‘उनकी भूमिका को देखते हुए आठ दोषी मौत की सजा के हकदार हैं।’ इस महीने की शुरूआत में न्यायाधीश यतीन शिंदे ने 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि एक व्यक्ति को रिहा किया था।

मुंबई की लोकल ट्रेनों में 11 जुलाई, 2006 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में कम से कम 188 लोगों की मौत हो गई थी और 800 से अधिक घायल हो गए थे।

जिन दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की गई है उनमें कमाल अहमद अंसारी, डॉक्टर तनवीर अहमद अंसारी, मोहम्मद फैसल शेख, एहतेशाम सिद्दीकी, शेख आलम शेख, मोहम्मद साजिद अंसारी, नावेद हुसैन खान और आसिफ खान शामिल हैं।

मामले के चार अन्य दोषियों मोहम्मद माजिद शफी, मुजम्मिल शेख, सुहैल शेख और जमीर अहमद शेख के बारे में ठाकरे ने अदालत से कहा कि इनको आठ अन्य से थोड़ा अलग पैमाने पर सजा दी सकती है।