मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश और भाई शिवपाल यादव की आपसी तनातनी को सुलझाने में लगे हैं। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो के लिए अगले साल उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले इसे समस्‍या को सुलझाने का दबाव है। मुलायम के परिवार में इस कलह के पीछे राजनीतिक दबदबा कायम करने को कारण माना जा रहा है। मुलायम की पहली पत्‍नी के बेटे अखिलेश उत्‍तर प्रदेश के सीएम हैं। वहीं उनकी पत्‍नी डिंपल सांसद है। मुलायम सिंह की दूसरी पत्‍नी साधना गुप्‍ता अपने बेटे या बहू को राजनीति में लाने की लड़ाई लड़ रही है। इसी का नतीजा है कि प्रतीक यादव की पत्‍नी अपर्णा को यूपी विधानसभा चुनाव के लिए लखनऊ कैंट से प्रत्‍याशी बनाया गया है। चाचा शिवपाल यादव भी प्रतीक के साथ हैं। वहीं अखिलेश खुद को मुलायम का उत्‍तराधिकारी मानते हैं। मुलायम के चार भाइयों में शिवपाल ही इकलौते हैं जो राजनीति में हैं। वे शुरू से मुलायम के साथ रहे हैं। साथ ही वे अम‍र सिंह के करीबी भी हैं। अखिलेश की जहां अमर सिंह से पटती नहीं है, साथ ही वे चाहते हैं कि पार्टी में उनका कद चाचा से ऊपर रहे। इस संघर्ष ने मुलायम के लिए धर्मसंकट खड़ा कर दिया है।

Video Analysis: समाजवाद पर भारी परिवारवाद:

हालांकि मुलायम ने सोमवार (24 अक्‍टूबर) को पार्टी बैठक में अखिलेश को साफ कर दिया कि वे शिवपाल को नहीं छोड़ेंगे। इस घटनाक्रम ने देश के सबसे बड़े राजनीति परिवार को दो धड़ों में बांट दिया है। एक पक्ष अखिलेश की ओर है तो दूसरा शिवपाल की तरफ। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने करीब 50 साल पहले विधायक का चुनाव जीता था। इन पांच दशकों में उनके परिवार के 17 सदस्य केंद्र या राज्य की राजनीति में उतर चुके हैं। भारतीय राजनीति में परिवारवाद कोई नई बात नहीं है लेकिन भारतीय मानकों से भी उत्तर प्रदेश के इस समाजवादी परिवार की टक्कर के आज बहुत ही कम राजनीतिक परिवार नजर आते हैं। खुद मुलायम सिंह के अलावा उनके भाई, भतीजे, भतीजी, बेटे, बहू और पोते सक्रिय राजनीति में हैं।

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मुलायम सिंह का परिवार:
सपा सुप्रीम की दो पत्नियां हैं। पहली पत्‍नी मालती देवी जिनका 2003 में निधन हो गया। इनका बेटा अखिलेश यादव है। उनकी पत्‍नी डिंपल हैं जो कि कन्‍नौज से सांसद हैं।
मुलायम की दूसरी पत्‍नी का नाम साधना गुप्‍ता है। इनके बेटे का नाम प्रतीक यादव है। वे जिम की चैन चलाते हैं। प्रतीक की पत्‍नी अपर्णा यादव अगले साल विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। प्रतीक पिता मुलायम और चाचा शिवपाल के करीबी हैं।

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अखिलेश खुद को मुलायम का उत्‍तराधिकारी मानते हैं। वे चाहते हैं कि पार्टी में उनका कद चाचा से ऊपर रहे।

मुलायम के चार भाई हैं। बड़े भाई का नाम अभय राम हैं वे राजनीति में नहीं है। उनका बेटा धर्मेंद्र हैं जो बदायूं से सांसद है। बेटी संध्‍या मैनपुरी जिला पंचायत की प्रमुख हैं।
दूसरे नंबर पर शिवपाल यादव हैं। वे यूपी सपा के अध्‍यक्ष हैं और अमर सिंह के करीबी हैं। उनका बेटा आदित्‍य यूपी कॉपरेटिव फेडरेशन का चेयरमैन है।
मुलायम सिंह के तीसरे भाई का नाम रतन सिंह है। उनका देहांत हो चुका है। उनके बेटे का नाम रनवीर सिंह है। रतन सिंह की पत्‍नी मृदुला सैफई ब्‍लॉक विकास परिषद में हैं। उनका पोता तेज प्रताप मैनपुरी से सांसद है और वह अखिलेश के करीबी हैं।
मुलायम के चौथे भाई राजपाल हैं। वे इटावा में रहते हैं। उनकी पत्‍नी और बेटा पंचायत में हैं।
रामगोपाल यादव मुलायम के चचेरे भाई हैं। वे अखिलेश के करीबी हैं और राज्‍य सभा से सांसद हैं। उनका बेटा अक्षय फिरोजाबाद से सांसद है।
मुलायम की बहन का नाम कमला देवी यादव है। उनके पति अजंत सिंह यादव ब्‍लॉक विकास परिषद के सदस्‍य हैं।