उत्तर प्रदेश में ‘दलित राजनीति’ की जमीन तलाश रही लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान ने आज यहां कहा कि मायावती ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया, जबकि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने दलितों को अपना दुश्मन समझा, तभी प्रोन्नति में आरक्षण का विरोध किया।
लोजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में पासवान ने यहां कहा, ‘‘मायावती ने कभी जो नारे दिये थे वे चुनाव के समय बदल गए…। अब ना तो दलित उनके साथ रहा और ना ब्राह्मण।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रोन्नति में आरक्षण का सपा को छोड़ बाकी सभी दलों ने लोकसभा में समर्थन किया था। ऊंची जाति को खुश करने के लिए मुलायम ने दलित का विरोध किया।’’
पासवान केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री हैं। अपनी पार्टी की मौजूदा छह सीटों को आगामी लोकसभा चुनाव में बढ़ाकर 60 सीट करने का लक्ष्य तय करते हुए पासवान ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ढाई साल से सत्ता में हैं। वे केंद्र से मांग करते थे कि मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण दो और सामाजिक क्षेत्र में 20 प्रतिशत आरक्षण दो। उन्होंने पूछा कि अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में कितना आरक्षण दिया?
मोदी की तारीफ करते हुए पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि पूरे देश में अकलियत, दलित, मुसलमान, ऊंची जाति और महिलाओं की सुरक्षा करना उनका कर्तव्य है। इसका नतीजा है कि आज हुर्रियत भी टूटकर सरकार से बातचीत करने आ रहा है।
इसके अलावा, पासवान ने मोदी के ‘मेक इन इंडिया’, शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करने, सत्ता में आने के साढ़े पांच महीने में ही नेपाल, भूटान, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने और चीन के राष्ट्रपति की भारत यात्रा का उल्लेख किया।
पासवान ने कहा कि दुनिया में जब भारत का गौरव बढ़ेगा, तभी देश का नागरिक खुशहाल होगा और विकास करेगा। राष्ट्रहित पहले है जबकि पार्टी बाद में।
पासवान ने कहा कि पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर मोदी ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया। दो अक्तूबर को गांधी जयंती पर स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। उन्होंने कहा, ‘‘अब कोई नहीं कह सकता कि जिसके हाथ में झाड़ू है, वह बाल्मीकि समाज का है। आज सबके हाथ में झाडू है।’’
उन्होंने कहा कि वह अपने मंत्रालय के जरिए दो रुपये किलो गेंहू और तीन रुपये किलो चावल हर प्रदेश को दे रहे हैं। बिहार में भी दे रहे हैं। उन्होंने अखिलेश सरकार से सवाल किया कि उत्तर प्रदेश में ये सस्ता अनाज क्यों नहीं मिल पा रहा है।
पासवान के बेटे सांसद चिराग पासवान ने कहा कि विकास के लिए जरूरी है कि हम मुख्य धारा से जुड़े रहें। कुछ दल जात पात, मजहब के आधार पर लोगों को बांटते हैं।
चिराग ने कहा कि इस बार वह लखनऊ आये तो एक परिवर्तन देखा। यहां ईंट पत्थरों का स्मारक बना हुआ है। यह धन अगर शिक्षा और रोजगार पर, गरीब और वंचितों पर लगाया जाता तो बेहतर होता।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालात खराब है। कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर है। ‘‘सोचा था कि अखिलेश युवा मुख्यमंत्री हैं, कुछ करेंगे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। सपा प्रमुख मुलायम जी कहते हैं कि लड़कों से गलती हो जाती है। क्या इस तरह का बयान समाज विरोधी तत्वों को बढ़ावा नहीं देता है?’’
कार्यकर्ता सम्मेलन को लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष त्रिवेणी प्रसाद पाल और पार्टी महासचिव चित्रा सिंह ने भी संबोधित किया।