बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय की सुरक्षा बढ़ दी। उनको पश्चिम बंगाल में Y+ कैटेगरी से अब Z कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मुकुल रॉय की 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान Z श्रेणी सुरक्षा जारी रहेगी।
फिलहाल मुकुल रॉय को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मी सुरक्षा देते हैं। अब उनकी सुरक्षा टीम में सैनिकों की संख्या बढ़कर 33 हो जाएगी। Z कैटेगरी सुरक्षा के तहत, 33 सैनिक सुरक्षा में तैनात रहते हैं। इसमें 10 सशस्त्र स्टेटिक गार्ड होते हैं। जिन्हें घर पर तैनात किया जाता है। छह व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) होते हैं, जो कि चौबीस घंटे साथ बने रहते हैं। इसके अलावा 12 कमांडो, वॉचर्स की शिफ्ट पर दो सैनिक और तीन प्रशिक्षित ड्राइवर होते हैं। ये सभी चौबीसों घंटे सुरक्षा देते हैं। मालूम हो कि दशकों से, पश्चिम बंगाल की राजनीति में हिंसा होते आ रही है। राज्य में पार्टियों के बीच झड़प, अपहरण, हत्या आम हो चला है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि 1999 और 2016 के बीच 18 सालों में, औसतन पश्चिम बंगाल में हर साल 20 राजनीतिक हत्याएं हुईं।
सबसे ज्यादा 2009 में 50 हत्याएं हुईं। इसके बाद साल 2000, 2010 और 2011 में, हर एक साल 38 राजनीतिक हत्याएं हुईं। बता दें कि 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में, भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस एक-दूसरे पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला करने और हत्याओं का आरोप लगा रही हैं।
पिछले साल, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला किया गया था। डायमंड हार्बर में उनके काफिले पर पथराव किया गया था।जबकि इस महीने की शुरुआत में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में अपने चुनाव अभियान के दौरान घायल हो गई थीं।
सीएम ममता ने दावा किया था कि उन पर चार-पांच लोगों द्वारा “हमला” किया गया। सीएम ने कहा कि उन्हें “धक्का” दिया गया। टीएमसी ने आरोप लगाया कि यह भाजपा की साजिश थी। हालांकि इन आरोपों को भाजपा ने खारिज कर दिया।