विवादित पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की मदद के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कांग्रेस का हमला लगातार जारी होने के बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने क्रिकेट शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी फिसलन भरी पिच पर है और उसे ‘हिट एंड रन’ की रणनीति छोड़ देनी चाहिए। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री नकवी ने कहा कि असंमजस में पड़ी कांग्रेस हर घंटे नए आरोप लगा रही है और सरकार एवं लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि वह असल में चाहती क्या है।

नकवी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में थी तब हर दिन हिट विकेट आउट होती थी। अब जब वह विपक्ष में है तो नो बॉल डाल रही है। उन्हें समझना चाहिए कि जब पिच पर फिसलन हो तो रुककर इंतजार करना चाहिए और फिर खेलना चाहिए। उन्हें एक रचनात्मक एवं प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए नेट अभ्यास की जरूरत है। नकवी से सुषमा और वसुंधरा द्वारा ललित मोदी की ब्रिटेन में यात्रा दस्तावेज हासिल करने में मदद करने के मामले को लेकर टिप्पणी करने के लिए कहा गया था।

नकवी ने कहा कि कांग्रेस 4-6 साल के नेट अभ्यास के बाद सकारात्मक विपक्ष की भूमिका समझ जाएगी। उन्होंने कहा कि एक दिन पार्टी कोई कागज लेकर आएगी और कहेगी यह एक महल से जुड़ा दस्तावेज है और अगले दिन दूसरा कागज लेकर आएगी एवं कहेगी कि यह (ललित) मोदी का है और फिर एक दूसरा कागज लाएगी। उन्हें निर्धारित करना चाहिए कि यह क्या है जिस पर वह सरकार को घेरना चाहते हैं। नकवी ने कहा कि वे कोई आरोप लगा रहे हैं या यह चूंचू का मुरब्बा है, यह साफ नहीं है।

बकौल नकवी हमला करो, भागो और फिर कोई दूसरा मुद्दा उठाओ। जब विपक्ष खुद इतने असमंजस में है तो हम कैसे जवाब दें? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तब उसने 2जी स्पेक्ट्रम मुद्दा, कोयला ब्लॉक आवंटन एवं राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़ी गड़बड़ियों के मामले उठाए थे। जो सीएजी की रिपोर्ट पर आधारित थे या अदालत के आदेशों पर सामने आए थे। उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि सरकार विवादित भूमि विधेयक समेत महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद में पारित कराने के लिए विपक्ष की मदद हासिल करने में समक्ष होगी।

नकवी ने कहा- हमारी राजनीतिक लड़ाई सड़कों पर जारी रह सकती है लेकिन राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर जारी नहीं रह सकती। इस समय दिल्ली हाईकोेर्ट विधेयक, न्यायिक सुधार संबंधी विधेयकों जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक हैं। रेलवे विधेयक, लोकपाल-लोकायुक्त विधेयक, बेनामी लेन देन संबंधी विधेयक और साथ ही भूमि विधेयक भी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी भी विकास संबंधी गतिविधियों पर राजनीति को हावी नहीं होने दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि मध्यरात्रि को भी हो तब भी लोकपाल विधेयक पारित होना चाहिए। कांग्रेस ने उस समय संदिग्ध भूमिका निभाई थी।

नकवी ने कहा कि पार्टी महिला आरक्षण विधेयक पारित करना चाहती थी लेकिन कांग्रेस के सहयोगी दल खुद ही विधेयक की प्रतियां फाड़ रहे हैं और वह (कांग्रेस) उन्हें रोक नहीं पा रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिल्कुल उल्टी चीज कर रही है।

जीएसटी (विधेयक) को ले लें, यह उनके समय की है और हमने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन वे कह रहे हैं कि इसे पारित नहीं होने देंगे। उन्होंने भूमि विधेयक पर इतनी उलझनें पैदा कर दीं हैं जैसे कि यह पूंजीपतियों के लिए है। जबकि इस विधेयक के तहत किसी भी उद्योगपति या औद्योगिक घराने के लिए आधे इंच जमीन का भी अधिग्रहण नहीं किया जाएगा।

नकवी ने सुषमा और वसुंधरा के इस्तीफा ना देने पर संसद को बाधित करने की कांग्रेस की धमकी को अक्खड़पन बताते हुए कहा कि सरकार मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ललित मोदी के साथ सुषमा और वसुंधरा के संबंधों से जुड़े विवाद पर चर्चा कराने के लिए तैयार है, नकवी ने कहा कि संसद में नियम एवं व्यवस्थाएं हैं जिनके तहत मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। हर चीज जिस पर सड़क पर चर्चा होती है उसपर संसद में चर्चा नहीं हो सकती। नकवी ने कहा कि सुषमा और वसुंधरा के इस्तीफे की मांग अनुचित है।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले संसद में भूमि विधेयक ना लाए जाने की खबरों की बाबत उन्होंने कहा कि मामला एक संयुक्त संसदीय समिति के पास है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी ने बिहार चुनाव के लिए अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार क्यों घोषित नहीं किया, नकवी ने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव में किसी को भी पहले से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया था।

लालू प्रसाद के राजद और जद (एकी) के बीच गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के विजय रथ को रोकने के नकारात्मक एजंडे पर एकजुट हुए हैं और इसलिए उन्हें इसका नुकसान होगा। राहुल गांधी के नेतृत्व से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए नकवी ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष के भाषण और बयान उनके पार्टी के लोगों तक पर प्रभाव डालने में नाकाम रहे हैं। कांग्रेस वंशवाद से आगे सोचने में अक्षम है।