रिलायंस फाउंडेशन की कामयाबी के पीछे न सिर्फ मुकेश अंबानी की सोच और मेहनत है बल्कि उन लोगों का भी बड़ा हाथ है जो कि पर्दे के पीछे से अपना काम करते हैं। मुकेश अंबानी ने रिलायंस फाउंडेशन की रिस्क मैनेजमेंट कमेटी में 7 ऐसे काबिल लोगों को नियुक्त किया है, जो कि कंपनी के रिस्क मैनेजमेंट जैसे अहम काम को बखूबी अंजाम देते हैं। इन 7 लोगों में आदिल ज़ैनुलभाई, हेतल आर मेसवानी,पी एम एस प्रसाद,शमीत बनर्जी, के वी चौधरी, आलोक अग्रवाल और श्रीकांत वेंकटचारी का नाम शामिल है।
आइए जानते हैं कि इन लोगों में कौन क्या काम करता है? आदिल ज़ैनुलभाई रिलायंस फाउंडेशन की रिस्क मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष हैं। जो कि रिस्क मैनेजमेंट से जुड़ी योजना और नीति का खाका तैयार करते हैं। इसके अलावा वे रिस्क मैनेजमेंट योजना और नीति के कार्यान्वयन पर नजर रखते हैं और लगातार उसकी निगरानी भी करते हैं। कमेटी में हेतल आर मेसवानी भी हैं जो कि रिस्क मैनेजमेंट की प्रक्रिया को हरी झंडी दिखाते हैं। इसके अलावा जोखिम को किस प्रक्रिया के तहत कम किया जाएगा इस पर भी मेसवानी ही मुहर लगाते हैं। कमेट के सदस्य पी एम एस प्रसाद रिस्क मैनजेमेंट की नीति और प्रकिया का समय-समय पर मूल्यांकन करते हैं और उसकी समीक्षा भी करते हैं।
शमीत बनर्जी देखते हैं कि सभी तरह के रिस्क की पहचान हो पा रही है या नहीं। इसके अलावा ये उन्हें कम करने और उन्हें मैनेज करने का काम भी करते हैं।
के वी चौधरी देखते हैं कि किस चीज से रिस्क पैदा हो रहा है। इसके अलावा वे रिस्क मैनेजमेंट की नीति के विकास और कार्यान्वयन की समीक्षा भी करते हैं।
आलोक अग्रवाल जो इस कमेटी में मुख्य वित्तीय अधिकारी हैं, साइबर सुरक्षा और उससे जुड़े रिस्क की समीक्षा करते हैं।
श्रीकांत वेंकटचारी इस कमेटी में संयुक्त मुख्य वित्तीय अधिकारी हैं। वे उन कामों को करते हैं जो कि बोर्ड द्वारा समय-समय पर बताए जाते हैं।साथ ही कोई भी ऐसा काम जिसे किया जाना अनिवार्य है या जिसे लागू किया जाना है।