मुकेश अंबानी ने फेसबुक, गूगल और वॉल स्ट्रीट में हिस्सेदारी के लिए इस साल काफी खर्च किया। कोरोना काल में इस सपने को उन्होंने छोड़ दिया लेकिन अब फिर से हकीकत में बदलने का दबाव है। मुकेश अंबानी के हालिया बयान और कंपनी के विचार के मुताबिक अब वे एक पुराने मॉडल की जगह कंपनी के टेक्नॉलजी और ई कॉमर्स के तौर पर आगे ले जाना चाहते हैं।

कंपनी के प्लान में अगले साल 5जी नेटवर्क शुरू करना, रिलायंस के डिजिटल प्लैटफॉर्म पर फेसबुक और वॉट्सऐप की पेमेंट सुविधा का इनकॉर्पोरेट करना, देशभर में कंपनी के ई कॉमर्स को स्थानीय दुकानों और छोटे प्लैटफॉर्म के साथ जोड़ना शामिल है। इसके अलावा मुकेश अंबानी रिलायंस ऑइल और पेट्रोकेमिकल यूनिट के शेयर भी बेच सकते हैं। इससे उनका कर्ज कम हो सकता है जो कि पिछले साल चढ़ गया है।

सभी निवेशकों की मुकेश अंबानी के हर कदम पर नजर है। कोरोना काल के बीच में ही उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखकर ऐमजॉन और वॉलमार्ट जैसी कंपनियों को चुनौती दी है। रिलायंस के शेयरों में 55 फीसदी की इजाफा हुआ। सितंबर में रिलायंस के शेयर ऑल टाइम हाइ पर थे। हालांकि निवेशक अभी और मौके ढूंढ रहे हैं जिससे उनका विश्वास पक्का हो सके। नंदन नीलेकणि ने कहा कि अभी और भी बहुत काम किया जाना है।

अंबानी ने फेसबुक सहित कई निवेशकों के साथ साझेदारी का खुला ऐलान किया था। उनका उद्देश्य रिलायंस पेट्रोकेमिकल्स के 20 फीसदी शेयर बेचना भी था। अरामको डील पहले अगस्त 2019 में घोषित की गई थी। उन्हें उम्मीद है कि कंपनी की मदद से कर्ज के बोझ से वह निकल जाएंगे।

जानकारों के मुताबिक अंबानी अब डिजिटल और रीटेल यूनिट्स की हिस्सेदारी बेचने का प्लान बना रहे हैं। निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला है। डिजिटल बिनजस में 20 अरब डॉलर और रीटेल में 6.4 अरब डॉलर का निवेश मिला। डेडलाईन से पहले ही कंपनी ने खुद को कर्जमुक्त घोषित कर दिया है।

रिलायंस जियो प्लैटफॉर्म लिमिडेड अब टेक्नॉलजी सलूशन्स ऐप विकसित करने पर विचार कर रही है। जानकारों के मुताबिक कंपनी की बड़ी प्राथमिकत 5जी नेटवर्क है। अगले साल रिलायंस शेयरहोल्डरों की मीटिंग में 5जी नेटवर्क को सामने रखना चाहती है। इसे शॉपिंग सर्विसेज के लिए भी कंपनी जरूरी मानती है।