Monkeypox: मंकीपॉक्स यानी एमपॉक्स का संक्रमण अब भारत में भी दस्तक दे चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि हाल ही में एमपॉक्स संक्रमण वाले देश से यात्रा करने वाले शख्स में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि यह एक अलग-थलग मामला है। इससे लोगों को तत्काल कोई भी खतरा नहीं है।
हरियाणा के हिसार के रहने वाले मरीज को शनिवार को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में एडमिट कराया गया था और उसकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, जिस व्यक्ति में संक्रमण की पहचान की गई है उसकी सैंपल रिपोर्ट में क्लेड-2 स्ट्रेन वाला वायरस पाया गया है। यह जुलाई 2022 से भारत में रिपोर्ट किए गए एमपॉक्स के 30 मामलों के जैसा ही है।
संक्रमण की रोकथाम के लिए सावधान रहने की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि बाकी लोगों में किसी भी तरह के जोखिम का कोई संकेत नहीं है। इसलिए डरें या घबराएं नहीं। बस सभी लोगों को संक्रमण की रोकथाम को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स के क्लेड-1 स्ट्रेन से बढ़ते खतरे को देखते हुए मंकीपॉक्स को स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था।
आइसोलेशन रूम बनाए गए
लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती मरीज के बारे में बात करते हुए अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि दिल्ली सरकार के तीन हॉस्पिटलों एलएनजेपी, जीटीबी और बाबा साहेब अंबेडकर ने ऐसे मामलों के लिए आइसोलेशन रूम बनाए हैं। एलएनजेपी को नोडल सुविधा के तौर पर नामित किया गया है। वहीं दो अस्पताल स्टैंडबाय पर हैं। एलएनजेपी हॉस्पिटल में मरीजों के लिए कुल 20 आइसोलेशन रूम हैं। वहीं अब अगर जीटीबी और बाबा साहेब अंबेडकर की बात करें तो ऐसे मरीजों के लिए 10-10 कमरे होंगे। वहीं संदिग्ध मामलों के लिए पांच-पांच कमरे होंगे।
केंद्र सरकार ने जारी की एडवाइजरी
केंद्र सरकार ने एमपॉक्स को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों से सावधानी बरतने और एमपॉक्स के लक्षणों और रोकथाम के बारे में प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में उनसे सभी जरूरी सावधानी बरतने और जनता के बीच किसी भी तरह की अनुचित घबराहट को रोकने के लिए कहा है। पूरी खबर यहां क्लिक कर पढ़ें…