प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम शुरू की थी लेकिन अबतक यह स्कीम घाटे का सौदा साबित हुई है। आम लोगों के अलावा नेताओं ने भी पीएम की इस स्कीम में हाथ नहीं बंटाया। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक भारत में सिर्फ सांसदों के पास 710 किलो ग्राम सोना है लेकिन किसी ने गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोना जमा नहीं करवाया। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान सांसदों ने इस स्कीम को अच्छा तो बताया लेकिन वे भी सोना जमा करवाने से कतराते हैं। ज्यादातर ने बताया कि उन्होंने अपने घर का सोना इस स्कीम के तहत जमा नहीं करवाया है। मिले आकंड़ों के मुताबिक, लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सांसदों को मिलाकर देखा जाए तो सभी के पास सोने के सिक्के, जूलरी या फिर बिस्कुट के रूप में 710 किलो सोना मौजूद है।
पीएम मोदी की इस स्कीम के तहत कम से कम 30 ग्राम सोना बैंक में रखकर उसपर 2.5 प्रतिशत का ब्याज लिया जा सकता है। वह भी बिना कोई टैक्स दिए। समाजवादी पार्टी (सपा) से राज्यसभा सांसद अमर सिंह जिनकी पत्नी के पास लगभग 13 किलो सोना है उन्होंने कहा कि वह कभी इस चीज के लिए राजी नहीं होंगी। अमर सिंह बोले, ‘मैं तो अपना सोना स्कीम में लगाना चाहता हूं लेकिन मेरी पत्नी इसके लिए कभी राजी नहीं होगी। अगर मैंने ज्यादा कहा तो घर में झगड़ा होगा, जो मैं नहीं चाहता।’
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गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत घरों में रखे गोल्ड या जूलरी को बैंकों में जमा कर सकते हैं। गोल्ड को आप बैंकों में 1 से 3 साल, 5 से 7 साल या फिर 12 से 15 साल के लिए भी जमा कर सकते हैं। इसपर 2.5 प्रतिशत पर ब्याज मिलेगा।