Ramadan: दिल्ली की जेलों में 100 से अधिक हिंदू कैदी मुस्लिम कैदियों के साथ रमजान के दौरान सुबह से शाम तक रोजा रख रहे हैं। एक बयान में तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि दिल्ली जेल के केंद्रीय कारागार में बंद 16,665 कैदियों में से 2,658 कैदी रोजा रख रहे हैं। 2,658 कैदियों में से 110 हिंदू हैं। बयान के अनुसार 31 हिंदू महिला कैदी और 12 हिंदू युवा कैदी रमजान के महीने में रोजा रख रहे हैं। जेल अधिकारियों के अनुसार ‘सहरी’ और अन्य नमाज को देखते हुए निर्धारित भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये ‘लंगर’ के समय में बदलाव किया गया है।

अधिकारियों ने कहा, ‘‘कैदियों की कैंटीन में रूह आफजा, खजूर और ताजे फलों का पर्याप्त भंडार है, जिसे कैदी खरीद सकते हैं। सभी केंद्रीय जेलों में ‘रोजा इफ्तार’ के भी इंतजाम किये गये हैं।’’ उन्होंने बताया कि धार्मिक और परमार्थ संगठनों को जेल के अंदर कैदियों के साथ नमाज और ‘रोजा इफ्तार’ के आयोजन की अनुमति है। इसमें आम सुरक्षा एहतियात बरते जायेंगे।
दिल्ली की जेलों में तीन जेल तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल हैं।

रमजान का महीना मंगलवार को शुरू हो गया। इस्लामिक कैलेंडर का यह नौवां महीना है जब मुसलमान सुबह से सूर्यास्त तक भोजन और पानी ग्रहण नहीं करते हैं। रमजान के समापन पर ईद-उल फितर मनाया जाता है। इस दौरान मुसलमान रोजा रखते हैं।

ऐसा माना जाता है कि रमजान के शुरुआती 10 दिनों को रहमतों का दौर माना जाता है। वहीं इससे अगले 10 दिनों को माफी का दौर बताया जाता है। वहीं आखिरी 10 दिनों को जहन्नुम से बचने का दौर कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि रमजान के दिनों में ताक्वा प्राप्त किया जाता है, ताक्वा का मतलब होता है कि इस दौरान सिर्फ वही काम किए जाते हैं जो अल्लाह को पसंद होते हैं। ऐसा कोई काम नहीं किया जाता जोकि अल्लाह को पसंद नहीं होता है। (भाषा इनपुट के साथ)