10,000 से अधिक लोगों के अध्ययन में खुलासा हुआ है कि तीन-चौथाई बच्चों ने खेल में दुर्व्यवहार का सामना किया। लड़कियों की तुलना में लड़कों को अधिक मानसिक और शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ा।

यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित अध्ययन रपट के मुताबिक, स्कूल के बाहर खेल में भाग लेने वाले लड़कों द्वारा अनुभव किए गए दुर्व्यवहार का सबसे आम रूप मनोवैज्ञानिक था, प्रशंसा की कमी से लेकर अपमान और उपहास तक इनमें शामिल हैं। यूरोपीय सांख्यिकीय अध्ययन के मुताबिक, 44 फीसद बच्चे शारीरिक हिंसा का सामना करते हैं। रिपोर्ट के प्रमुख लेखक और इंग्लैंड में एज हिल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइक हार्टिल ने कहा कि यूरोप में खेल को नियंत्रित करने वालों ने खेल में बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत कम किया है और उन्हें नीति तैयार करने को लेकर ज्यादा काम करना चाहिए।

एज यूनिवर्सिटी इंग्लैंड और यूनिवर्सिटी आफ वुपर्टल जर्मनी द्वारा संयुक्त अध्ययन ने आस्ट्रिया, बेल्जियम, जर्मनी, रोमानिया, स्पेन और यूनाइटेड किंगडम में 18 से 30 वर्ष की आयु के 10,000 से अधिक लोगों से आंकड़े जुटाए गए। ये सभी वे लोग थे, जो 18 वर्ष की आयु से कम की उम्र में खेलों से जुड़े थे।

हार्टिल कहते हैं, ‘रपट के परिणाम निश्चित रूप से चिंता का कारण हैं। हमने देखा है कि खेल के क्षेत्र में हिंसा और शोषण की कुछ घटनाएं सार्वजनिक स्तर पर सामने आती हैं, हालांकि इस शोध से पता चलता है कि इस समस्या का दायरा कहीं अधिक है।’रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा हिंसा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले बच्चों के खिलाफ हुई।

ऐसे 84 फीसद लोगों ने विभिन्न प्रकार के हिंसक और अनुचित व्यवहार के अनुभव साझा किए। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि समाज के अन्य क्षेत्रों की तुलना में खेल क्षेत्र में हिंसा और दुराचार की घटनाएं कम थीं।शोध की सह-लेखक प्रोफेसर बेट्टीना रूलोफ्स ने कहा कि विशेष रूप से एक नतीजे ने शोधकर्ताओं को आश्चर्यचकित कर दिया था : ‘लड़कियों की तुलना में यौन हिंसा की श्रेणी में अधिक पुरुषों का होना उल्लेखनीय है।’

खेल के समाजशास्त्र के विशेषज्ञ हार्टिल ने कहा कि प्रशंसा या प्रोत्साहन की गैरमौजूदी को अक्सर दुर्व्यवहार के रूप में उल्लेख किया जाता है। शोध के लिए आस्ट्रिया, बेल्जियम के वालोनिया क्षेत्र, जर्मनी, रोमानिया, स्पेन और ब्रिटेन में कुल 10,302 व्यक्तियों से सवाल किए गए। उन्हें सर्वे कंपनी इप्सोस मोरी द्वारा एक आनलाइन प्रश्नावली को पूरा करने के लिए कहा गया था। दिलचस्प उत्तर मिलने पर शोधकर्ताओं ने उनसे और सवाल पूछे।

दुर्व्यवहार का उच्चतम प्रचलन बेल्जियम में 80 फीसद था, जबकि सबसे कम आस्ट्रिया (70 फीसद) में था। आस्ट्रिया के अपवाद के साथ सभी देशों में लड़कों को हिंसा का अनुभव करने की काफी अधिक संभावना थी। रपट से पता चलता है कि कई खेल निकाय मनोवैज्ञानिक मुद्दों को अपनी नीतियों में शामिल करने में विफल रहे। हार्टिल कहते हैं, ‘यूरोप में जो लोग खेल को नियंत्रित करते हैं उन्हें नीति बनाने से कहीं अधिक करना चाहिए। समस्या खेल के भीतर वयस्कों और बच्चों के बीच संबंधों की प्रकृति के भीतर निहित है।’