पुलिस को कॉल करके होली के दिन शहर में विस्फोट करने की धमकी देने वाले नेत्रहीन मदरसा टीचर को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। मुरादाबाद की एक मस्जिद में मौलवी की जिम्मेदारी निभाने वाले टीचर ने दो दिन पहले पीसीआर को कॉल करके धमकी दी थी जेलों में बंद उलेमाओं को छोड़ दिया जाए, वरना वह होली के दिन शहर में धमाके कर देगा। वकील अहमद नाम के इस मौलवी के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया गया। उसके बाद अहमद को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सिविल लाइंस एसएचओ बीपी बलियान ने बताया कि अहमद ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। जब अहमद से पूछा कि कॉल क्यों की थी? तो अहमद ने बताया कि वह जैश-ए-मोहम्मद फाउंडर अजहर मसूद के भाषण सुनता रहता है और उससे बहुत ज्यादा प्रभावित है। उसने ‘अपनी तरफ से योगदान’ देने के लिए यह कॉल की थी।
साथ ही बलियान ने बताया कि पीसीआर को रविवार रात कॉल आई थी। कॉलर ने अपने आपको जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य और अजहर मसूद को अपना नेता बताया था। उसने धमकी दी थी कि अगर जेलों में बंद उलेमाओं को नहीं छोड़ा गया तो वह विस्फोट करेगा। उसने कॉल रिसीव करने वाले पुलिसकर्मी से उसके मैसेज को पीएम मोदी तक पहुंचाने के लिए कहा था।
पुलिस ने नंबर ट्रेस किया तो वह कॉल एक मस्जिद से आई थी। मुरादाबाद के एएसपी यशवीर सिंह ने कहा कि अहमद ने पीसीआर को कॉल एक 15 साल के बच्चे के फोन से की थी। उसने कॉल उस वक्त की, जब बच्चा फोन को चार्ज पर लगाकर सोने चला गया था। अहमद ठाकुरवाड़ा के सूरजनगर क्षेत्र की एक मस्जिद में रहता है और उसका परिवार दिल्ली में रहता है।