भारत के दूसरे अंतरिक्ष अभियान के तहत भेजा गए चंद्रयान-2 ने चांद की पहली तस्वीर भेजी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह तस्वीर जारी की है। इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी कि तस्वीर चंद्रयान के विक्रम लैंडर ने ढाई हजार किलोमीटर दूर से कैप्चर की है। तस्वीर के जरिए ओरिएंटेल बेसिन और अपोलो क्रेटर्स को पहचाना गया है। तस्वीर मे चांद का स्वरूप जैसा जमीन से दिखता है, उससे बहुत ज्यादा अलग दिख रहा है।
इसरो के मुताबिक यह तस्वीर बुधवार (21 अगस्त, 2019) की है। मालूम हो कि इससे पहले चंद्रयान-2 ने 4 अगस्त को अंतरिक्ष से पृथ्वी की तस्वीरें कैप्चर की थी। इसरो ने इसकी भी तस्वीर जारी की थीं। इसरो ने एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी थी कि अंतरिक्ष में पृथ्वी की बाहरी कक्षा से खींची गई इन तस्वीरों को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर में लगे एलआई-4 कैमरे से 3 अगस्त को शाम 5:28 से 5:37 बजे के बीच खींचा गया।
मालूम हो कि चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में दाखिल हो चुका है। चंद्रयान-2 को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने के लिए ‘लूनर ऑर्बिट इन्सर्शन’ (एलओआई) प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है। प्रणोदन प्रणाली के जरिए इसे संपन्न किया गया। कुछ ही दिनों बाद यह यान चांद की सतह पर उतरेगा। इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाले कुछ चुनिंदा देशों यानी अमेरिका, रूस और चीन की श्रेणी में शुमार हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर सरकार ने 978 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इससे पहले, 2008 में भी इसरो ने चंद्रयान 1 मिशन को कामयाब बनाया था। उस वकत चंद्रमा की परिक्रमा करने के लिए इस यान को भेजा गया था।
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चंद्रयान-2 के चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक दाखिल होने के बाद इसरो चीफ के. सिवन ने कहा कि सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की प्रक्रिया के दौरान स्थिति काफी अलग और तनाव भरी होगी क्योंकि इसरो ने ऐसा पहले कभी नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि, ‘‘अभी तनाव बढ़ा है, कम नहीं हुआ है।’’