फरवरी में दो कथित गौ तस्करों की हत्या के बाद सुर्खियों में आए माहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर राजस्थान के हवाले कर दिया है। मोनू मानेसर पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने का भी आरोप है, जिसके बाद कथित तौर पर हरियाणा के नूंह में हिंसा भड़की।

बीजेपी विरोधियों द्वारा मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की मांग तो लंबे समय से की जा रही थी लेकिन उसकी गिरफ्तारी ऐसे समय हुई, जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नूंह में मारे गए VHP सदस्य अभिषेक के परिवार से मिलने पानीपत गए। अभिषेक नूंह में मारे गए 6 लोगों में से एक था।

कांग्रेस विधायक पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही खट्टर सरकार?

सूत्रों की मानें तो मोनू मानेसर की गिरफ्तारी और सीएम खट्टर का नूंह आना- ये दोनों ही घटनाक्रम साफ तौर पर दर्शाते हैं कि हरियाणा सरकार ने कांग्रेस के फिरोजपुर झिरका विधायक मम्मन खान पर शिकंजा कसने के लिए जमीन तैयार कर ली है। मम्मन खान को दो बार पुलिस ने पेश होने के लिए कहा लेकिन वह अब तक पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुआ है।

बीजेपी लगातार मम्मन खान पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा रही है। बीजेपी का आरोप है कि मम्मन खान के बयानों की वजह से विहिप और बजरंग दल द्वारा शोभा यात्रा निकालने के दौरान भड़की हिंसा भड़की। सीएम मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज दोनों ने मम्मन खान की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पर हिंसा भड़काने करने का आरोप लगाया है।

क्या मम्मन खान ने आग में डाला घी?

29 अगस्त को अनिल विज ने मीडियाकर्मियों से कहा कि 28,29 और 30 जुलाई को जहां भी मम्मन खान गया, नूंह में उन सभी जगहों पर हिंसा भड़की। मम्मन खान ने अब पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें खट्टर और विज के बयानों की वजह से बेवजह फंसाए जाने और गिरफ्तार किए जाने का डर है।

हालांकि इस दौरान सीएम और गृह मंत्री दोनों ही मोनू मानेसर के कथित रोल पर शांत रहे। इसे इलाके के मुसलमानों पर ताने के रूप में देखा गया, जो फरवरी में हुई हत्याओं पर मोनू के खिलाफ कार्रवाई करने में आधिकारिक विफलता से नाराज थे। मोनू की गिरफ्तारी से पहले अनिल विज ने कहा था कि उसके द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था।

हरियाणा पुलिस का कहना है कि अब उसने मोनू मानेसर को 26 अगस्त को किए गए एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया है। यह VHP की उस घोषणा के साथ किया गया था कि जिसमें कहा गया था कि 31 जुलाई को रद्द की गई यात्रा के स्थान पर एक और यात्रा निकाली जाएगी। राजस्थान पुलिस फरवरी से ही मोनू मानेसर की तलाश कर रही थी। उसकी तरफ से यह भी कहा गया था कि उसे हरियाणा पुलिस की तरफ से सहयोग नहीं मिल रहा है।

मोनू मानेसर के खिलाफ हरियाणा पुलिस द्वारा लगाई गई IPC की धाराओं में 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 109 शामिल हैं। चूंकि मोनू मानेसर के पास भी बिना कानूनी दस्तावेजों के .45 बोर की पिस्तौल – दो मोबाइल फोन सिम कार्ड और तीन जिंदा कारतूस पाए गए, इसलिए उस पर भी शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। 295-ए और आर्म्स एक्ट के अलावा अन्य धाराएं जमानती हैं।