देश में मानसून सत्र कल यानी कि 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र की सबसे ज्यादा चर्चा इस वजह से हो रही थी क्योंकि कयास लगाया गया कि केंद्र सरकार यूसीसी को लेकर भी ड्राफ्ट पेश कर सकती है। लेकिन सर्वदलीय बैठक में सरकार ने जो सूची सामने रखी है, उसमें यूसीसी का कहीं कोई जिक्र नहीं है। माना जा रहा है कि इस मानसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आने वाला है।
यूसीसी के आने में देरी क्यों?
यहां ये समझना जरूरी है कि कुछ दिन पहले ही लॉ कमिशन ने लोगों से सुझाव मांगने वाली डेडलाइन को आगे बढ़ा दिया था। संकेत तभी मिल गया था कि शायद इस मानसून सत्र में यूसीसी बिल का आना मुश्किल है। अब सर्वदलीय बैठक की लिस्ट ने स्थिति को और ज्यादा स्पष्ट कर दिया है। वैसे यूसीसी के अलावा भी कई ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जो इस सत्र में उठाए जाएंगे।
कौन-कौन से बिल पेश किए जाएंगे?
जिस दिल्ली अध्यादेश पर पूरे देश में बवाल की स्थिति देखने को मिल रही है, उससे जुड़ा विधेयक पेश करने की तैयारी है। इसी सत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक लाया जाएगा। इसी तरह प्रोविजनल कलेक्शन ऑफ टैक्सेज बिल, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड एंड बैंक बिल, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, पोस्टल सर्विसेज बिल, जन विश्वास बिल, ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेज एंड कॉस्मेटिक्स बिल शामिल है।
मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग
वैसे इस सत्र में विपक्ष चाहता है कि सरकार मणिपुर हिंसा पर भी चर्चा करवाए। इस पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है, स्पीकर परमीशन देंगे तो उस पर भी बात हो जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर में दो महीने बाद भी हिंसा का दौर जारी है। रोज की कोई ना कोई हिंसक घटना सामने आ जाती है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी राज्य का दौरा किया था। ऐसे में विपक्ष के लिए .ये एक बड़ा मुद्दा जिस पर वो सरकार को घेरना चाहती है।