महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार को घेरने में लगा है। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया है कि भारत का मंदी की चपेट में आने का कोई सवाल ही नहीं है। सोमवार (1 अगस्त, 2022) को लोकसभा में अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने यह बात कही। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को महंगाई के मुद्दे पर घेर रहा है। इस बीच वित्त मंत्री अपने संबोधन में महंगाई को लेकर सभी सवालों का जवाब दे रही हैं।
वित्त मंत्री ने ब्लूमबर्ग की सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में मंदी की संभावना शून्य है। उन्होंने कहा कि भारत का एनपीए कम हो रहा है, जबकि चीन के 4 हजार बैंक दिवालिया होने की कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत का एनपीए 2022 में 6 साल में सबसे निचले स्तर 5.9% पर है।
दूसरे देशों की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर
आईएमएफ के डेटा का हावाला देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों के चलते सरकार पर कर्ज जीडीपी का 56.9 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जहां सरकार पर औसतन कर्ज जीडीपी का 86.9 प्रतिशत है।
उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पिछले दो सालों में विश्व बैंक, आईएमएफ और अन्य वैश्विक संस्थाओं ने विश्व और भारत की विकास दर का कई बार आकलन किया है। हर आकलन में विश्व की विकास दर अनुमान से कम रही, भारत की भी विकास दर अनुमान से कम रही, लेकिन सर्वाधिक थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट, चीन के कई हिस्सों में लॉकडाउन, कोरोना लहर, ओमिक्रोन आदि के चलते अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रभावित है। इस सबके बावजूद सरकार महंगाई को 7 प्रतिशत से नीचे रखने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस सांसदों का सदन से वॉक आउट
वित्त मंत्री के संबोधन के दौरान, जैसे ही निर्मला सीतारमण बोलने के लिए उठीं, तो कांग्रेस सांसद सदन से वॉक आउट कर गए। कांग्रेस का कहना है कि वित्त मंत्री के जबाव निराशाजनक हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, “सरकार इस तरह व्यवहार कर रही है जैसे देश में महंगाई है ही नहीं, जबकि लोग उससे त्रस्त हैं। कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। देश की 140 करोड़ जनता के लिए आवाज उठाने वाले विपक्ष के लिए अगर ये आपका जवाब है, तो क्यों सुनना है।”
बता दें कि हाल ही में ब्रांडेड आटा, दाल, चावल, दूध, दही जैसे सामानों पर सरकार ने 5 प्रतिशत जीएसटी की घोषणा की थी, जिसके बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल केंद्र को निशाने पर ले रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी लगाकर गरीबों का जीवन मुश्किल बना रही है।
