राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए आरक्षण संबंधी बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता मनोज झा भड़क गए। उन्होंने भागवत के बयान पर कहा कि वह आग से खेलने की कोशिश कर रहे हैं। लालू यादव की पार्टी के नेता मनोज झा ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो लोग सड़कों पर उतरेंगे और सौहार्दपूर्ण माहौल की चर्चा ही खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नैतिकता में और संसदीय बहुमत में काफी फर्क होता है।

उन्होंने कहा कि आरक्षण की मंजिल अभी काफी दूर है और उसे हासिल करने में भी अभी समय लगेगा। झा ने आगे कहा कि चर्चा के लिए देश में सौहार्दपूर्ण माहौल इन लोगों ने छोड़ा कहां है? आरक्षण के जरिए अभी सभी पिछड़े और आदिवासियों को उनका हक  नहीं मिला है। जो थोड़ा बहुत लोगों को आरक्षण के जरिए मदद मिली है तो उसके समीक्षा की बात हो रही है। इन लोगों के इरादे और इशारे पर परेशानी है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कथित तौर पर कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सौहार्द्रपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए।भागवत ने कहा कि उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बात की थी लेकिन इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई।उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में यह भी कहा कहा कि आरक्षण का पक्ष लेने वालों को उन लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए जो इसके खिलाफ हैं और इसी तरह से इसका विरोध करने वालों को इसका समर्थन करने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए।

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कांग्रेस ने भी साधा निशाना : आरक्षण पर सौहार्दपूर्ण माहौल में चर्चा’’ से जुड़ी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि दलितों एवं पिछड़ों को मिला आरक्षण खत्म करना ही सत्तारूढ़ पार्टी का असली एजेंडा है।भागवत के बयान से जुड़ी खबर ट्विटर पर शेयर करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘गरीबों के अधिकारों पर हमला, संविधान सम्मत अधिकारों को कुचलना, दलितों-पिछड़ों के अधिकार छीनना… यही असली भाजपाई एजेंडा है।’’उन्होंने यह भी कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ-भाजपा का दलित-पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर हुआ। गरीबों के आरक्षण को ख़त्म करने का षड्यंत्र और संविधान बदलने की उनकी अगली नीति बेनकाब हुई।’’