Mohan Bhagwat Attack Modi: संघ प्रमुख मोहन भागवत एक बार फिर अपने बयान की वजह से चर्चा में आ गए हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने दो टूक कहा है कि अगर किसी ने राम मंदिर का निर्माण भी करवा दिया है, उससे वो हिंदू नेता नहीं बन जाते। अब संघ प्रमुख ने किसी नेता का नाम नहीं लिया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि उनका निशाना पीएम मोदी की तरफ है। इससे पहले भी दोनों नेताओं के बीच में तल्खी देखने को मिल चुकी है।
मोहन भागवत का किस पर निशाना?
संख प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर तो हिंदुओं के लिए एक आस्था का विषय था। हिंदुओं का विश्वास था कि राम मंदिर बनना ही चाहिए। लेकिन ऐसा हो जाने से कोई हिंदू नेता नहीं बन जाता। हम बात करते हैं विश्वगुरु बनने की, महाशक्ति बनने की नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि हमे पता है कि महा शक्ति बनने के बाद कोई कैसा व्यवहार करने लग जाता है। महाशक्ति की आड़ में अपने निजी स्वार्थ साधने की कोशिश करना हमारा रास्ता नहीं हो सकता।
मोहन भाववत ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि जैसा भी इतिहास रहा हो, इसका मतलब यह नहीं कि हम नफरत की पराकाष्ठा तक पहुंच जाएं, हर चीज को शक से देखें और लगातार ऐसे मुद्दे उठाते रहें। समाधान क्या है, बस यही कि हम दुनिया को दिखा सकें कि हम एक हैं, हम एकजुट रह सकते हैं।
भागवत क्यों बोले- कुछ कट्टरता लेकर आए?
RSS प्रमुख ने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आ जाए। उन्होंने कहा कि लेकिन अब देश संविधान के अनुसार चलता है। इस व्यवस्था में लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, जो सरकार चलाते हैं। अधिपत्य के दिन चले गए।
अब ऐसे बयान संघ प्रमुख की तरफ से तब आए हैं जब कई राज्यों में विवाद चल पड़ा है कि मंदिर-मस्जिद को लेकर। संभल में अगर मस्जिद सर्वे की वजह से तनाव है तो किसी दूसरी जगह पर भी मूर्ति मिलने का दावा हुआ है। अब उसी होड़ के बीच में भागवत ने यह बड़ा बयान दिया है। भागवत से जुड़ी कई और खबरें पढ़ने का अगर मन कर रहा है तो यहां क्लिक करें