प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ की आधारशिला रखते हुए कहा कि साल 2022 तक गरीबों के लिए पांच करोड़ मकान बनाए जाएंगे। उन्होंने कौशल विकास की जरूरत पर जोर दिया और युवाओं से नौकरी सृजित करने वाला बनने को कहा।
मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के बरसों बाद भी देश में पांच करोड़ परिवार ऐसे हैं जिनके पास अपने लिए मकान नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘उनमें से दो करोड़ शहरों में हैं और तीन करोड़ गांवों में हैं। हर भारतीय को सोचना चाहिए कि वे 2022 तक किस तरह का भारत चाहते हैं, जब भारत अपनी आजादी की 75 वर्षीय वर्षगांठ मनाएगा।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए साथ मिल कर काम करेगी कि 2022 तक गरीबों के लिए पांच करोड़ मकान बन जाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं है। यह परियोजना गरीबों को मजबूत करने और उनके सपनों को पूरा करने के लिए है।’’ मोदी ने कहा कि यह कोशिश काफी संख्या में नौकरियां पैदा करेंगी क्योंकि भवन निर्माण सामग्री जैसे…सीमेंट, ईंट और अन्य चीजों की बिक्री बढ़ेंगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की गई कौशल विकास की कोशिशों के बारे में बोलते हुए कहा, ‘‘सिर्फ जनसांख्यिकी लाभांश के बारे में काम करने से काम नहीं चलेगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘कौशल विकास ने युवाओं के लिए कई सारे अवसर लाए हैं। ‘मुद्रा योजना’ नये उद्यमियों को तैयार कर रही और मौजूदा उद्यमियों को फलने फूलने में मदद कर रही है।
मोदी ने कहा कि आर्थिक तरक्की के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र हैं लेकिन तीसरा और अहम क्षेत्र वह है जिसे मैं अहमियत दे रहा हूं…वह व्यैक्तिक क्षेत्र है, जहां हर व्यक्ति उद्यमी होता है।
