संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों के इस्तीफों के बीच सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्यों की संख्या में हुए इजाफे के कारण बहुमत के करीब पहुंची मोदी सरकार के लिए राज्यसभा में स्थिति मुफीद हो गई है। बुधवार (16 अक्टूबर) को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद केसी राममूर्ति ने उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। समझा जाता है कि वह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।

बीजेपी को और इस्तीफों की उम्मीदः बीजेपी सूत्रों ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष के कुछ अन्य सदस्यों के इस्तीफे की उम्मीद जताते हुए आगामी सत्र में मित्र दलों के सहयोग से सरकार के लिए राह आसान होने का भरोसा जताया है। राज्यसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अब 45 रह गई है, वहीं विभिन्न राज्य विधानसभाओं में मजबूत स्थिति में पहुंची बीजेपी को उच्च सदन की रिक्त सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद 245 सदस्यीय सदन में उसके सदस्यों की संख्या 83 हो जाएगी।

पांच सीटें खाली हैं राज्यसभा मेंः राज्यसभा में अभी रिक्त सीटों की संख्या पांच है। सदन में बीजेपी सहित एनडीए के सदस्यों की संख्या 106 है। उच्च सदन में सत्तापक्ष का बाहर से समर्थन करने वाले अन्नाद्रमुक के 11, बीजेडी के सात, टीआरएस के छह, वाईएसआर कांग्रेस के दो और तीन अन्य क्षेत्रीय दलों का समर्थन एनडीए को राज्यसभा में अल्पमत के संकट से उबारने में मददगार साबित होते हैं।

उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ एनडीए का उच्च सदन में बहुमत नहीं होने के कारण मोदी सरकार को पिछले कार्यकाल में तीन तलाक सहित अन्य अहम विधेयकों को पारित कराने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव के बाद टीडीपी, कांग्रेस और सपा छोड़ने वाले राज्यसभा सदस्यों को उपचुनाव में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाकर फिर से उच्च सदन में भेजा है। बीजेपी को आने वाले दिनों में विपक्ष के कुछ अन्य सदस्यों के इस्तीफे की उम्मीद है।