जम्मू कश्मीर के नवनियुक्त मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के राज्य विधानसभा के शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पाक और हुर्रियत को देने को लेकर आज लोकसभा में विपक्ष ने सरकार एवं भाजपा को जमकर निशाने पर लेते हुए इस मामले में प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण देने एवं निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग पर सदन से वॉकआउट किया। हालांकि सरकार एवं सत्तारूढ़ भाजपा ने इस विवादास्पद बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया।
विपक्ष द्वारा सईद के बयान पर कड़ी आपत्ति जताने और प्रधानमंत्री से सदन में स्पष्टीकरण देने की मांग पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार और उनकी पार्टी (भाजपा) सईद के बयान से अपने आप को पूरी तरह से ‘अलग’ करती है। सिंह ने चुनावों की सफलता के लिए राज्य की जनता, सुरक्षा बलों एवं चुनाव आयोग को श्रेय दिया।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीप की गठबंधन सरकार है और सईद ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ देर बाद यह विवादास्पद बयान दिया था।
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सईद के इस विवादास्पद बयान देने के समय भाजपा नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह भी उनके साथ बैठे थे लेकिन उन्होंने ने कोई आपत्ति नहीं जताई।
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने इस बारे में प्रधानमंत्री के बयान की मांग की और कहा कि सईद ने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से भी कहा कि वह महसूस करते हैं कि जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव कराने का श्रेय पाकिस्तान, और हुर्रियत को जाता है। ऐसे में प्रधानमंत्री ही स्पष्ट कर सकते हैं कि दोनों के बीच क्या बात हुई, इसलिए प्रधानमंत्री को सदन में आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री से बात की है और वह सदन में बयान उनकी जानकारी और सहमति से दे रहे हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि अपने विवादास्पद बयान के बारे में सईद ने प्रधानमंत्री से बात नहीं की थी। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा चुनाव कराने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह हैं चुनाव आयोग, सेना, अर्द्धसैनिक बल और राज्यों के लोग। राज्य में चुनाव में भारी हिस्सेदारी का श्रेय राज्य के लोगों को जाता है।’’
हालांकि कांग्रेस समेत विपक्षी दल गृह मंत्री के बयान से संतुष्ट नहीं हुए और प्रधानमंत्री से बयान देने की मांग करते हुए उन्होंने लोकसभा से वॉकआउट किया।
सदन से निंदा प्रस्ताव पारित कराने की विपक्ष की मांग पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उनके पास कोई नोटिस नहीं आया है और उसके बिना यह कैसे संभव हो सकता है।
वेणुगोपाल ने कहा कि सईद का यह कहना कि उन्होंने यह बात प्रधानमंत्री से भी कही, इस विषय को काफी गंभीर बनाता है। उन्होंने कहा कि सईद ने शांतिपूर्ण चुनाव कराने का श्रेय पाकिस्तान और हुर्रियत को दिया है जबकि वास्तविकता यह है कि आतंकवादियों ने राज्य में चुनाव घोषित होने के बाद छह ग्राम पंचायत सरपंचों की हत्या कर दी और सेना पर हमला किया। ऐसा करना क्या राज्य में उपयुक्त माहौल बनाने में सहयोग करना कहा जा सकता है? राज्य में ठीक ढंग से चुनाव कराने का श्रेय चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों को दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में प्रधानमंत्री की चुप्पी स्तब्धकारी है, सदन को इसकी निंदा करनी चाहिए। हमें सदन में प्रस्ताव पारित कराना चाहिए।’’
मुफ्ती के बयान को विपक्ष ने बताया राष्ट्रविरोधी : सरकार ने दिया कश्मीर की जनता को श्रेय:
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा जम्मू कश्मीर के शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पाकिस्तान एवं हुर्रियत को श्रेय दिये जाने के बयान पर राज्यसभा में कांगे्रस सहित विपक्ष ने आज भारी आपत्ति जताते हुए इसे ‘‘राष्ट्रविरोधी’’ करार दिया जबकि केंद्र ने इसके लिए राज्य की जनता, सुरक्षा बलों तथा चुनाव आयोग को श्रेय दिया।
शून्यकाल में कांग्रेस के शांताराम नाइक ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही देर बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव के लिए ‘‘सीमा पार के लोगों’’, अलगाववादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और आतंकवादियों को श्रेय दिया था।
नाइक ने कहा कि यह बयान राष्ट्रविरोधी है और राष्ट्र विरोधी ताकतों का समर्थन कर सईद ने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों, चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों के कारण यह चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो पाये जबकि नये मुख्यमंत्री ने उन्हें कोई श्रेय नहीं दिया है।
नाइक ने आरोप लगाया कि जिन 24 मंत्रियों ने शपथ ली है उनमें से एक का भाई हुर्रियत में है और उसकी पत्नी पाकिस्तानी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान संविधान के अनुच्छेद 370 के बारे में कहा था, ‘‘कम से कम चर्चा तो करो।’’ लेकिन वह अब इससे बच रहे हैं।
सईद के इस बयान का विपक्षी सदस्यों द्वारा निंदा किये जाने के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पिछले साल मई में हुए लोकसभा चुनाव और अब विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराने का सारा श्रेय जम्मू कश्मीर, लेह एवं करगिल के लोगों, चुनाव आयोग एवं सुरक्षा बलों को जाता है।
नकवी ने कहा कि राज्य के लोगों ने जिस तरह से उत्साहपूर्वक चुनाव में भाग लिया तथा सुरक्षा बलों एवं चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रयास किये, उसके लिए हम उनको बधाई देते हैं और सलाम करते हैं।
बाद में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने भी व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर यही मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुफ्ती द्वारा इस तरह का बयान दिया जाना संविधान के विरुद्ध है। हालांकि उपसभापति पी जे कुरियन ने उनकी सवाल को यह कहकर खारिज कर दिया कि इस मामले में संसदीय कार्य राज्यमंत्री पहले ही सरकार का रूख स्पष्ट कर चुके हैं।