सरकार ने ट्विटर से कहा है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़े कंटेंट और अकाउंट को उसके प्लेटफॉर्म से हटाया जाए। इसके लिए सरकार ने ब्लॉगिंग साइट को आदेश जारी किया है। इस पर आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि सरकार को किसानों के प्रदर्शन से इतना डर लग रहा है।

सरकार ने कहा है कि ट्विटर अगर सरकार के आदेश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी। सरकार ने कहा कि ट्विटर ने किसान आंदोलन से जुड़े अकाउंट को उसके आदेश के बाद भी चालू रखा। सरकार ने कहा कि ट्विटर को सरकार के आदेश का पालन करना होगा। सरकार का कहना है कि ट्विटर पर शेयर किए जा रहे कंटेंट से कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ऐसे में ट्विटर को ऐसे कंटेंट और अकाउंट पर रोक लगानी चाहिए जिसके लिए सरकार ने आदेश जारी किया है।

इससे पहले सोमवार को ट्विटर ने ऐसे 250 अकाउंट बंद कर दिए थे जिन्होंने #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग से साथ ट्वीट किया था। साथ ही ऐसे अकाउंट पर कार्रवाई की गई थी कि जो कि आंदोलन को ”भड़काने” का काम कर रहे हैं। मालूम हो कि 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं थीं।

सरकार ने ट्विटर से कहा है कि वह भारत सरकार के नियमों को मानने के लिए बाध्य है। आईटी एक्ट ट्विटर को सरकार की बात मानने के लिए कहता है। बता दें कि सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद कृषि कानूनों पर गतिरोध नहीं टूटा है। 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा की घटना के बाद किसानों ने इस शनिवार को देशव्यापी “चक्का जाम” का आह्वान किया है।

हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान, नवंबर के अंत से दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए।