इरम सिद्दीकी

महाराष्ट्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर रोड़े अटकाना चाह रही है लेकिन केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बुधवार को अपनी “पिंक बुक” के माध्यम से परियोजना के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधन (ईबीआर) 5,000 करोड़ रुपये मंजूर किए।

ईबीआर में महाराष्ट्र और गुजरात की सरकारों के साथ-साथ जापानी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) से मिला कर्ज शामिल है, जो परियोजना का 80 प्रतिशत खर्च वहन कर रही है। ईबीआर प्रावधान के साथ नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को 5,600 करोड़ रुपये का एक और आवंटन किया गया है। एनएचएसआरसीएल ही परियोजना को पूरा करने में जुटा है।

एनएचआरसीएल के अधिकारियों के अनुसार, इसने गलियारे के 69 प्रतिशत हिस्से पर काम करने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं, जो कि कुल 508.1 किलोमीटर के अलाइनमेंट का 348 किमी है। इसमें से 21 किमी भूमिगत होगा। 508.1 किलोमीटर में से करीब 155.76 किलोमीटर महाराष्ट्र में और 348.04 किलोमीटर गुजरात में है। शेष 4.3 किलोमीटर केंद्र शासित प्रदेश दादर एवं नगर हवेली में है।

एनएचआरसीएल के कार्यकारी निदेशक अचल खरे ने कहा, “परियोजना के लिए आवश्यक 1,380 हेक्टेयर भूमि में से हमने लगभग 740 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया है। महाराष्ट्र में लगभग 20 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया गया है और लगभग 300 सहमति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।” पालघर के आदिवासी गांवों में लगभग 109.06 किमी का अधिग्रहण किया जाना है। लेकिन यहां के लोग इस परियोजना का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

निविदा को इस वर्ष अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है और 2020 के अंत जमीन पर काम शुरू होने की संभावना है। नएचआरएससीएल के एक बयान में कहा गया है, “वर्ष 2020-21 के लिए एनएचआरएससीएल को 5,600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अतिरिक्त बजटीय संसाधनों (महाराष्ट्र और गुजरात की राज्य सरकारों से इक्विटी के माध्यम से और वित्त मंत्रालय के माध्यम से जेआईसीए से लोन रिइंबर्समेंट) के माध्यम से अनुमानित निवेश के रूप में 5,000 करोड़ रुपये की राशि भी आवंटित की गई है।

बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को इस परियोजना को “सफेद हाथी” कहा था। इस परियोजना के लिए जेआईसीए 1.08 लाख करोड़ रुपये का 80 प्रतिशत फंड दे रहा है, वहीं 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान केंद्र सरकार और 5,000 करोड़ रुपये का गुजरात और महाराष्ट्र सरकारों द्वारा किया जाएगा।