Rohingya refugees ews flats: केंद्र सरकार ने रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में बुनियादी सुविधाएं देने का फैसला किया है। इस खबर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर इसे ऐतिहासिक बताया। इंडिया टुडे की एक खबर में कहा गया कि रोहिंग्या शरणार्थियों को चौबीसों घंटे सुरक्षा वाले फ्लैटों में स्थानांतरित करने का फैसला किया गया है। यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया।
इस फैसले पर मोदी सरकार में आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक ट्वीट में कहा, “भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा। वहां पर उन्हें मूलभूत सुविधाएं, यूएनएचसीआर आईडी और 24 घंटे दिल्ली पुलिस का संरक्षण प्रदान किया जाएगा।”
एक और ट्वीट में हरदीप सिंह पुरी ने लिखा, “जिन लोगों ने भारत की शरणार्थी नीति को जानबूझकर CAA से जोड़ने पर अफवाह फैलाया, वे निराश होंगे। भारत संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन 1951 का सम्मान करता है और उसे फॉलो करता है। शरण लिए सभी लोगों को उनकी जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए बिना शरण प्रदान करता है।”
केंद्रीय मंत्री के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर इसका विरोध भी देखने को मिला। वहीं कुछ देर बाद गृह मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्याओं को कोई EWS फ़्लैट नहीं दिये जायेंगे।
वहीं इससे पहले आई जानकारी में कहा गया था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को मिलने वाले इन फ्लैटों को आधारभूत सुविधाओं से लैस कराने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश दिया गया है। निर्देश में कहा गया है कि इसे FRRO (Foreign Regional Registration Offices) को सौंप दिया जाए, जो रोहिंग्याओं को इन फ्लैटों में शिफ्ट कराएगा। वहीं सोशल वेल्फेयर डिपार्टमेंट इन लोगों को उन फ्लैट्स में पंखे, तीन समय का खाना, लैंडलाइन फोन, टीवी, आदि चीजें भी उपलब्ध करवाएगा।
जुलाई के अंतिम सप्ताह के दौरान हुई एक बैठक में इस बात पर जोर दिया गया था कि शिविर में आग लगने की घटना के बाद मदनपुर खादर इलाके में रोहिंग्याओं को स्थानांतरित करने वाले टेंटों के लिए दिल्ली सरकार लगभग 7 लाख रुपये प्रति माह का किराया वहन कर रही थी।
बता दें कि NDMC ने कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली सरकार को ये फ्लैट संदिग्ध संक्रमितों को आइसोलेट करने की सुविधा के लिए दिया था। मालूम हो कि इन फ्लैटों में जिन रोहिंग्याओं को शिफ्ट किया जाएगा उनके पास UNHCR (United Nations High Commissioner for Refugees) ID होगी और उनके विवरण आन रिकार्ड होंगे।
गौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों को संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया में सबसे अधिक शोषित अल्पसंख्यक माना है। साल 2017 में रोहिंग्याओं ने म्यांमार सेना के कथित हमले से म्यांमार छोड़ दिया था।