केंद्र सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि देश के सरकारी अस्पतालों में लोगों के लिए बेड्स की काफी कमी है। अध्ययन में सामने आया है कि देश के जिला अस्पतालों में एक लाख आबादी पर औसतन 24 बेड्स ही उपलब्ध हैं। इसमें सबसे खराब स्थिति बिहार की है, और पुडुचेरी की सबसे बेहतर है।

बिहार में सरकारी अस्पतालों में यह औसतन संख्या मात्र 6 है, जबकि पुडुचेरी में 222 पाई गई है। ‘जिला अस्पतालों के कामकाज में बेहतर गतिविधियों’ को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि कुछ खास सेवाओं के तहत देश के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिला अस्पतालों का परफॉर्मेंस काफी अच्छा पाया गया है।

इन राज्यों की हालत खराब: अगर राज्यवार आकंड़ों पर गौर करें तो नीति आयोग के मुताबिक 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, प्रति 1 लाख जनसंख्या पर बेड्स की संख्या 22 से भी कम है। इसमें बिहार(6), झारखंड (9), तेलंगाना(10), उत्तर प्रदेश(13), हरियाणा(13), महाराष्ट्र(14), जम्मू और कश्मीर(17), असम(18), आंध्र प्रदेश(18), पंजाब(18), गुजरात(19), राजस्थान(19), पश्चिम बंगाल(19), छत्तीसगढ़(20) और मध्य प्रदेश में यह संख्या 20 है।

वो राज्य जहां औसतन बेड 21 से अधिक: पुडुचेरी (222), अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह (200), लद्दाख (150), अरुणाचल प्रदेश (102), दमन और दीव (102), लक्षद्वीप (78), सिक्किम (70), मिजोरम (63), दिल्ली (59), चंडीगढ़ (57), मेघालय (52), नागालैंड (49), हिमाचल प्रदेश (46), कर्नाटक (33), गोवा (32), त्रिपुरा (30), मणिपुर (24), उत्तराखंड (24), केरल (22), ओडिशा (22) और तमिलनाडु में एक लाख आबादी पर औसतन संख्या 22 पाई गई।

नीति आयोग ने अपने इस अध्ययन में अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता, मरीजों को मिलने वाली जांच सुविधा, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही मेडिकल स्टाफ की संख्या, चिकित्सा के लिए डॉक्टरों की उपलब्धता को आधार बनाया गया है। इस रिपोर्ट को NITI Aayog के सदस्य डॉ वीके पॉल, सीईओ अमिताभ कांत, भारत में WHO के प्रतिनिधि डॉ रॉडरिको ऑफरीन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पेश किया गया। इसमें कहा गया है कि मौजूदा हालात में देशभर में एक लाख की आबादी पर औसतन 24 बिस्तर ही जिला अस्पतालों में मौजूद है।

देशभर के कुल 707 जिला अस्पतालों में किए इस अध्ययन में 2017-18 के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के आंकड़ों को आधार बनाया गया। आंकड़ों में यह पाया गया कि, कुछ अस्पताल ऐसे भी रहे कि, जहां एक लाख की आबादी पर औसतन 22 बेड्स ही मौजूद हैं।