केंद्र सरकार ने 23 लाख कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने का फैसला किया है। ये स्कीम मौजूदा एनपीएस के साथ ही लागू रहेगा। यूपीएस के तहत कर्मचारियों को 25 साल काम करने पर पूरी पेंशन मिलने लगेगी। यूपीएस को तैयार करने में अप्रैल 2023 में गठित टीवी सोमनाथन समिति ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की बुनियादी सुधार विशेषताओं को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया है। NPS को जनवरी 2004 से सरकारी सेवा में शामिल होने वालों के लिए लागू किया गया था।

दूर होंगी कर्मचारियों की शिकायतें

यूपीएस में सबसे महत्वपूर्ण है आय की स्थिरता और परिवार की सुरक्षा पेंशन योजना में सरकार के योगदान को मूल वेतन के 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत करना। आज की तारीख में कर्मचारी का योगदान मूल वेतन का 10 प्रतिशत है। इससे निश्चित रूप से सरकार को अधिक धन खर्च करना पड़ेगा। पहले साल में सरकार पर लगभग 6,250 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा।

सरकार ने 2004 में एनपीएस की शुरुआत के बाद से पहले से ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया के लिए 800 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च का भी अनुमान लगाया है। यूपीएस सरकारी कर्मचारियों के बीच उठ रही शिकायत का एक राजनीतिक जवाब है। आम चुनाव के नतीजों और आने वाले महीनों में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों में विपक्ष से सरकार को मिल रही बड़ी चुनौती की संभावनाओं ने भी सरकार को ये कदम उठाने के लिए मजबूर किया होगा।

Unified Pension Scheme: ‘यूपीएस सरकारी कर्मचारियों के लिए लॉलीपॉप’, CPI ने कहा- ये नई बोतल में पुरानी शराब

कई राज्य अपना सकते UPS

साथ ही नया यूपीएस राज्यों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर वापस लौटने का रास्ता बंद कर देगा। कई विपक्षी राज्यों ने OPS की वापसी का भी ऐलान कर दिया था। हालांकि अधिकांश राज्यों से उम्मीद है कि वे यूपीएस को अपनाएंगे। इससे राज्य सरकारों के खजाने पर दबाव पड़ना तय है।

ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन के रूप में उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत मिलता था। एनपीएस के तहत पेंशन मार्केट पर निर्भर करता है। पिछले साल राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश राज्यों ने एनपीएस से ओपीएस पर लौटने का फैसला किया था।

नए यूपीएस में ओपीएस से सुनिश्चित पेंशन की सुविधाओं के साथ-साथ एनपीएस से परिभाषित योगदान भी शामिल है। यूपीएस में सुनिश्चित पेंशन, इन्फ्लेशन इंडेक्स, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन के रूप में ओपीएस के समान सुविधाएं हैं।

RBI ने OPS पर वापस लौटने को लेकर जताई थी चिंता

जनवरी 2023 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने पिछले साल OPS पर वापस लौटने का विकल्प चुनने वाले राज्यों के लिए सरकारी वित्त पर दबाव के बारे में चिंता व्यक्त की थी। RBI ने कहा था कि एनपीएस के बजाय ओपीएस से देनदारियां बढ़ जाएंगी जो भविष्य में एक बड़ा जोखिम बन सकती हैं। आरबीआई ने कहा था कि 2022-23 के बजट अनुमान के अनुसार राज्यों को 2022-23 में पेंशन व्यय में 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,63,436 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जबकि पिछले वर्ष यह 3,99,813 करोड़ रुपये था। आरबीआई ने कहा था कि ओपीएस के तहत पेंशन खर्च एनपीएस के तहत 4 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंचने का अनुमान है।