केंद्र की मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में एक बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है, जिससे किराएदारों को राहत मिल सकती है। बताया जा रहा है कि सरकार अब मकान व दुकान किराए पर लेने-देने के लिए मॉडल कानून बनाने की तैयारी कर रही है, जो अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि अगस्त तक इस अधिनियम को कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार का यह फैसला किराएदारों के लिए गुड न्यूज साबित हो सकता है।

गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बना GOM: जानकारी के मुताबिक, इस अधिनियम को तैयार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता मंत्रियों का समूह (GOM) बनाया गया है, जो इस अधिनियम पर काफी तेजी से काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि मंत्रियों के इस समूह में कानून मंत्री व आवासीय मंत्री भी शामिल हैं।

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जून में हुईं 2 बैठक: सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तैयार हो रहे मॉडल रेंट एक्ट अधिनियम से संबंधित 2 बैठक जून 2019 में हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि जुलाई के आखिरी सप्ताह में इस एक्ट को लेकर आखिरी व अहम बैठक होगी, जिसके बाद अगस्त में यह एक्ट मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश कर दिया जाएगा।

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एक्ट से होंगे ये बदलाव: एनबीटी की रिपोर्ट की मानें तो मॉडल रेंट एक्ट अधिनियम से किराएदारों को काफी राहत मिलेगी। इसके तहत मकान मालिक को घर के मुआयने, रिपेयरिंग से जुड़े काम कराने या किसी दूसरे मकसद के लिए आने से पहले भी 24 घंटे का लिखित नोटिस एडवांस में देना होगा। वह बिना बताए मकान देखने नहीं आ पाएगा। वहीं, किराएदार से 3 महीने से ज्यादा किराया बतौर सिक्योरिटी मनी नहीं लिया जा सकेगा। इसके अलावा मकान का रेनोवेशन कराने के बाद किराया बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही, विवाद निपटाने के लिए स्पेशल किराया ट्रिब्यूनल बनाया जाएगा।